नई दिल्ली : ओलम्पिक खेलों में भारत के लिये पहली बार प्रतिनिधित्व करने जा रही महिला पहलवान गीता फोगट के भाग्य का फैसला कल लंदन में होगा, लेकिन पिता महावीर ने गीता से कहा है कि पदक आये या नहीं किसी भी कीमत पर हिम्मत नहीं हारना है यह देश के गौरव का सवाल है।
भारत का कुश्ती में कल अभियान शुरू होने जा रहा है भारत के पांच पहलवानों में अकेली महिला पहलवान 55 किलो वजन वर्ग में गीता फोगट है। इसके अगले दिन अमित कुमार (55 किलो) और नरसिंह यादव (74 किलो) को मुकाबले में उतरना है। योगेश्वर दत्त (60 किलो) 11 अगस्त को अपने प्रतिद्वंद्वियों से टकराएंगे जबकि सुशील कुमार के भाग्य का फैसला इन खेलों के अन्तिम दिन 12 अगस्त को होना है।
खुर भी पहलवान रहे महावीर सिंह की पांच लडकियां हैं और इन सभी को उन्होंने पहलवान बनाया है। शुरू में अपनी लडकियों को कुश्ती के गुर भी उन्होंने ही सिखाये।
गीता के कल होने वाले ओलम्पिक मुकाबले के बारे में पूछने पर महावीर सिंह ने कहा, उसे खुले दिमाग से लड़ना होगा । मैने उसको कहा है कि उसे किसी भी कीमत पर हौसला नहीं खोना है ओलम्पिक खेलों में देश के गौरव जुड़ा होता है।
उन्होंने कहा कि गीता ने बेलारूस में लंदन ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाली कई महिला पहलवानों को हराया है। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 24 साल की गीता ने कजाकस्तान के अलमाटी में आयोजित एशियाई क्वालीफाईग मुकाबले में स्वर्ण पदक जीत कर लंदन का टिकट कटाया था ।
हरियाणा के भिवानी में जाट परिवार में जन्मी गीता ने 12 साल की उम्र से ही अपने पिता महावीर सिंह से कुश्ती की ट्रैनिंग लेनी शुरू कर दी थी। महावीर सिंह ने ओलम्पिक खेलों में भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी को ओलम्पिक पदक मिलने के बाद अपनी सभी लडकियों को पहलवान बनाने और उनको ओलम्पिक भेजने की ठानी थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 8, 2012, 21:01
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