Last Updated: Friday, October 12, 2012, 10:31
वाराणसी: योजना आयोग एवं आर्थिक सलाहकार परिषद (प्रधानमंत्री कार्यालय) के सदस्य डॉ. सौमित्र चौधरी ने कहा है कि देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था के लिए आधारभूत ढांचों में पूंजी निवेश की घटती दर भी जिम्मेदार है, और केन्द्र सरकार पूंजी निवेश की धीमी गति को तेज करने में जुटी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले छह माह में अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी।
भारत सरकार के ‘कालीन निर्यात संवर्धन परिषद’ की ओर से वाराणसी में आयोजित ‘इंडिया कारपेट एक्सपो’ के उद्घाटन समारोह में भाग लेने आए डॉ. चौधरी ने शाम नदेसर स्थित एक होटल में पत्रकारों को बताया कि अर्थव्यवस्था बिगड़ने के पीछे देश के अंदरूनी एवं बाहरी हालात भी कम जिम्मेदार नहीं है। बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं जब तक दुरूस्त नहीं की जाएंगी, विकास की गति को तेजी नहीं मिलेगी। इसके लिए सरकार ठोस कदम भी उठा रही है, लेकिन राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते तमाम अड़चनें भी आ रही हैं । फिलहाल विकासात्मक कार्यो का दौर शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि मार्च 2013 तक बिगड़ी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।
रिटेल बाजार में एफडीआई लागू होने के सवाल पर उन्होंनें कहा कि इससे खुदरा व्यापारियों को नुकसान नहीं होगा । उदाहरण दिया कि खुदरा व्यापारी उधारी पर सामान देने का कारोबार 50 साल पहले भी करते थे और आगे भी करते रहेंगे। बड़ी कम्पनियां उधारी पर सामान देती नहीं । वैसे भी उनको अपना आउटलेट खोलने के लिए बड़ी जगह चाहिए, जो घनी आबादी में मिलेगी नहीं। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 12, 2012, 10:31