अब डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने की तैयारी

अब डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने की तैयारी

अब डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने की तैयारी
नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव निपटते ही पेट्रोलियम मंत्रालय डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ाने की तैयारी में है। एक दिन पहले ही तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में 70 पैसे लीटर वृद्धि की है। तेल मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यहां कहा कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति सबसे बड़ा सुधार है नहीं, सबसे बड़ा सुधार है डीजल, एलपीजी और केरोसिन पर सब्सिडी सीमित करना।

अधिकारी ने कहा कि पेट्रेलियम सब्सिडी कम करने के मंत्रालय के इस प्रस्ताव को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन में पूरा समर्थन मिलेगा अथवा नहीं इसको लेकर वह आश्वस्त नहीं है। अधिकारी ने कहा कि इसको लेकर आम सहमति है कि डीजल, एलपीजी और यहां तक कि केरोसिन के दाम बढ़ने चाहिये, लेकिन यह कब और कैसे होगा इसको लेकर अनिश्चितता है। अधिकारी ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव 7 अगस्त को होना है। उनका (राजनीतिक नेतृत्व का) कहना है कि आप उससे (सात अगस्त से) पहले दाम नहीं बढ़ा सकते। इसके तुरंत बाद संसद का मानसून सत्र शुरु होना है। हालांकि, संसद सत्र के दौरान दाम बढ़ाने पर कोई पाबंदी नहीं है पर हमारे पास संख्या नहीं है।

कच्चे तेल के दाम बढ़ने और डालर के मुकाबले रुपये के दाम घटने से आयात महंगा होने के बावजूद पिछले साल जून के बाद से डीजल, एलपीजी और केरोसिन के दाम नहीं बढ़े हैं। सरकारी तेल कंपनियों को वर्तमान में मौजूदा खुदरा कीमतों पर डीजल की बिक्री पर 11.26 रुपये प्रति लीटर, घरेलू उपयोग के गैस सिलेंडर पर 319 रुपये प्रति सिलेंडर और राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल पर 28.56 रुपये लीटर का नुकसान हो रहा है।

सरकार यदि दाम नहीं बढ़ाती है तो तेल कंपनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये उसे चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,60,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने होंगे। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम तय करने के लिए एक अधिकार संपन्न मंत्री समूह बना है लेकिन पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने पर उन्हें वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिये जाने के बाद मंत्री समूह का अभी तक पुनर्गठन नहीं किया गया।

अधिकारी ने कहा कि प्राधिकृत मंत्री समूह की अनुपस्थिति में पेट्रोलियम मंत्रालय मूल्यवृद्धि का एक प्रस्ताव मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में भेज रहा है ताकि प्रधानमंत्री स्वयं इसपर निर्णय ले सकें। सरकारी तेल कंपनियों ने कल ही पेट्रोल के दाम में 0.70 पैसे लीटर की वृद्धि की है। कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार मे तेल के दाम बढ़े हैं और डालर के समक्ष रुपये का अवमूल्यन हुआ है। इस वृद्धि के बावजूद, तेल कंपनियों को 71 पैसे प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके, उपभोक्ताओं को एक और झटका नहीं दिया जा सकता। तेल कंपनियों ने इससे पहले दो बार पेट्रोल के दाम में कमी की, जबकि इससे पहले मई में पेट्रोल के दाम में 7.54 रुपये लीटर की एकमुश्त वृद्धि की गई थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 24, 2012, 20:30

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