Last Updated: Saturday, January 5, 2013, 21:07

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने अमीरों पर ऊंची दर से कर लगाने की वकालत करते हुए शनिवार को कहा कि आगामी बजट में एक सीमा से अधिक आय वाले व्यक्तियों पर अधिभार लगाने की संभावनाएं टटोली जा सकती हैं।
वित्तीय समावेश पर आयोजित गोष्ठी में रंगराजन ने संवाददाताओं से कहा,‘फिलहाल जो आयकर दरों का ढांचा है उसे छेड़ने की जरूरत नहीं है। लेकिन एक खास सीमा से ज्यादा कमाई करने वालों पर अधिभार लगाया जा सकता है। आने वाले दिनों में हमें और राजस्व की जरूरत होगी और मेरा मानना है कि अधिक कमाई करने वाले इसमें ज्यादा योगदान करने को तैयार होंगे।’
रंगराजन का यह सुझाव 2013-14 की बजट तैयारियों से पहले आया है। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बजट की तैयारियों के सिलसिले में विभिन्न समूहों से विचार-विमर्श का सिलसिला शुरू किया है।
भारत में आय पर कर तीन स्तरों में लगता है .. दस, बीस और 30 प्रतिशत। आयकर की ये दरें 1997 में उस समय भी वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने ही तय की थी।
मजे की बात है कि हाल में अर्थशास्त्री राजा चेलैया के सम्मान में आयोजित व्याख्यान में चिदंबरम ने भारत में विरासत में मिली संपत्ति पर कर लगाए जाने पर बहस का आह्वान किया था। उन्हें इस तरफ भी इशारा किया कि कुछ लोगों के हाथों में एकत्रित अकूत संपत्ति की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया।
इसी सप्ताह अमेरिकी संसद ने अमेरिका के बड़े अमीरों पर कर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया ताकि राजकोषीय असंतुलन के संकट से उबरा जा सके। अमेरिकी कानून में एक व्यक्ति द्वारा 4,00,000 डॉलर सालाना और किसी दंपति द्वारा 4,50,000 डॉलर सालाना से ज्यादा की आय पर कर बढ़ाया गया है।
जाने-माने अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए राजकोषीय अनुशासन पर भी जोर दिया।
रंगराजन ने कहा,‘हमें अगले कुछ साल में राजकोषीय घाटे को कम करने की जरूरत है। इसके लिए हमें व्यय और राजस्व दोनों पर ध्यान देने की जरूरत है। व्यय के मामले में हमें सब्सिडी कम करने और उसे सकल घरेलू उत्पाद के अनुरूप घटाने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा,‘हमें राजस्व और केंद्र सरकार के कर - सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात पर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यह 2007-08 के आस-पास भी नहीं ठहरता।’
मुद्रास्फीति के संबंध में रंगराजन ने उम्मीद जताई कि इस साल मार्च तक थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति घटकर सात फीसद पर आ जाएगी। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 5, 2013, 21:07