Last Updated: Wednesday, October 3, 2012, 14:11
वाशिंगटन : अमेरिका में अप्रवासी उद्यमियों की संख्या में भले ही गिरावट आई है, लेकिन भारतीय प्रवासियों द्वारा स्थापित उच्च प्रौद्योगिकी कम्पनियों ने वहां काफी वृद्धि की है। यह जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है। ज्ञात हो कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अप्रवासी उद्यमियों को एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है।
मंगलवार को प्रकाशित कौफमैन फाउंडेशन के सर्वेक्षण `अमेरिकाज न्यू इमिग्रैंट एंटरप्रेन्योर्स : देन एंड नाउ` के अनुसार, अमेरिका में अप्रवासियों द्वारा स्थापित कम्पनियों का अनुपात 2005 से लेकर अबतक 25.3 प्रतिशत से गिरकर 24.3 प्रतिशत पर आ गया है। यह गिरावट सिकिलकॉन वैली में अपेक्षाकृत अधिक स्पष्ट है, जहां प्रवासियों द्वारा स्थापित नई कम्पनियों का प्रतिशत 52.4 प्रतिशत से गिरकर 43.9 प्रतिशत पर आ गया है।
लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय अप्रवासी गिरावट के इस रुख के अपवाद हैं। यद्यपि अध्ययन में शामिल किए गए उद्यमी 60 से अधिक देशों से सम्बंधित हैं, लेकिन इसमें 33.2 प्रतिशत भारतीय हैं, जो कि 2005 के लगभग सात प्रतिशत से काफी अधिक हैं। भारतीयों ने वास्तव में नौ अन्य देशों के अप्रवासी उद्यमियों की तुलना में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की अधिक कम्पनियां स्थापित की है।
प्रवासी उद्यमियों के मामले में भारत के बाद चीन (8.1 प्रतिशत), ब्रिटेन (6.3 प्रतिशत), कनाडा (4.2 प्रतिशत), जर्मनी (3.9 प्रतिशत), इजरायल (3.5 प्रतिशत), रूस (2.4 प्रतिशत), कोरिया (2.2 प्रतिशत), आस्ट्रेलिया (2.0 प्रतिशत) और नीदरलैंड (2.0 प्रतिशत) का स्थान है। सर्वेक्षण में पाया गया है कि जहां प्रसासी उद्यमशीलता में ठहराव आ गया है, वहीं भारतीय और चीनी उद्यमों की दरों में वृद्धि हुई है।
2005 में प्रवासियों द्वारा स्थापित कम्पनियों में भारतीय और चीनी उद्यमियों द्वारा स्थापित कम्पनियों की संख्या क्रमश: 26.0 प्रतिशत और 6.9 प्रतिशत थी। प्रवासियों द्वारा स्थापित कम्पनियां पारम्परिक प्रवासी राज्यों में स्थित हैं, जिनमें कैलीफोर्निया (31 प्रतिशत), मेसाचुसेट्स (नौ प्रतिशत), टेक्सास (छह प्रतिशत), फ्लोरिडा (छह प्रतिशत), न्यूयार्क (पांच प्रतिशत) और न्यू जर्सी (पांच प्रतिशत) शामिल हैं।
कौफमैन फाउंडेशन में अनुसंधान एवं नीतिगत मामलों के निदेशक डेन स्टैंगलर ने कहा कि कई वर्षो से वास्तविक सबूतों से स्पष्ट हुआ है कि अमेरिका में उत्साहहीन अप्रवासी व्यवस्था और वातावरण ने प्रतिभा पलायन का रास्ता साफ किया है। यह रपट आंकड़ों के जरिए इस बात की पुष्टि करती है। उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए अमेरिका को अप्रवासी उद्यमियों को अपनाने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 3, 2012, 14:11