अर्थव्यवस्था काबू में, चिंता की बात नहीं: मुखर्जी - Zee News हिंदी

अर्थव्यवस्था काबू में, चिंता की बात नहीं: मुखर्जी

नई दिल्ली: भारतीय बाजार में आयी मंदी के लिए यूरो संकट और अन्य अंतरराष्ट्रीय वजहों को जिम्मेदार ठहराते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठा रही है और घबराने की कोई बात नहीं है।

 

मुखर्जी ने वित्त विधेयक पर राज्यसभा में हुयी चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बाजार में जो मंदी आयी है उसके लिए यूरो संकट और अन्य अंतरराष्ट्रीय कारण जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मंदी से सिर्फ भारत ही नहीं प्रभावित हुआ है बल्कि पूरा एशिया और यूनान सहित अन्य देश भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों पर अनिश्चितता का माहौल बन गया है।

 

उन्होंने कहा कि सरकार की स्थिति पर नजर है और घबराने की कोई स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्थिति से अछूता नहीं रह सकती।

 

आर्थिक विकास दर 6.9 रहने का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने कहा कि उच्च विकास दर हासिल करने के लिए हमें कदम उठाने होंगे। इस क्रम में उन्होंने कृषि, विनिर्माण क्षेत्र का नाम लिया जिससे न केवल सकल घरेलू उत्पाद में उनकी हिस्सेदारी बढ़ सके बल्कि रोजगार के मौके भी सृजित हो सकें। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत में हरित क्रांति के लिए उठाए गए कदमों का सकारात्मक असर दिखने लगा है और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा कि देश में चावल उत्पादन बढ़कर 10.3 करोड़ टन हो गया है जबकि कुल खाद्यान्न उत्पादन 25.3 करोड़ टन हो गया।

 

भंडारण और जूट की बोरियों की कमी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम लगातार भंडारण क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं और इसका असर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब, हरियाणा के अलावा दो तीन अन्य राज्यों में सरकारी एजेंसी द्वारा खरीद की जाती थी। लेकिन अब विभिन्न राज्यों में अधिकतर खरीदारी सरकारी एजेंसियों  द्वारा की जा रही है जिससे भंडारण क्षमता पर दबाव बढ़ गया है।

 

मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने घरेलू मांग बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा मजबूत करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा भी काफी लाभ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि मनेरगा राशि में गड़बड़ी की शिकायतें हैं लेकिन इससे श्रमिकों को बेहतर मजूदरी मिलने लगी है। उन्होंने कहा कि इस लीकेज पर काबू के लिए विचार किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में विचार करने के लिए एक समिति बनाए जाने की संभावना भी जतायी।  (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 17, 2012, 09:55

comments powered by Disqus