Last Updated: Saturday, December 15, 2012, 12:42

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार अर्थव्यवस्था को 8 से 9 प्रतिशत की ऊंची वृद्धि दर की राह पर लौटाने को प्रतिबद्ध है। उद्योग मंडल फिक्की की 85वीं आम बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने हाल में जो कदम उठाए हैं वे अर्थव्यवस्था में गति लाने के प्रयासों की शुरुआत है। इससे अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से 8-9 प्रतिशत की ऊंची वृद्धि दर पर पहुंचाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है और घरेलू मोर्चे पर अत्यधिक निराशावाद से देश की वृद्धि की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। सिंह ने उद्योग जगत के दिग्गजों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं आपके समक्ष खड़ा होकर भरोसा दिलाता हूं कि सरकार नीतिगत माहौल में बदलाव, आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने तथा वृद्धि की प्रक्रिया को अधिक सामाजिक एवं क्षेत्रीय बनाने के लिए हरसंभव उपाय करने को प्रतिबद्ध हैं।’
बीते वित्त वर्ष 2011-12 में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.5 प्रतिशत पर आ गई, जो इसका 9 साल का निचला स्तर है। रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहेगी। 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से तीन साल पहले तक भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार 9 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही थी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार ने निवेश पर मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है। अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इस तरह के कदमों को आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमें सामान्य कर परिवर्जन नियम (गार) और आईटी क्षेत्र के कराधान से शुरू हुई प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जरूरत है। हम निवेश की प्रक्रिया को रफ्तार देंगे, जिससे हमारे शेयर बाजारों में भी सुधार होगा।’ सरकार ने हाल में बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र और विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अलावा पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी में कटौती जैसे कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए हैं।
सुधारों का विरोध करने वाले दलों को आड़े हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो राजनीतिक दृष्टि से कठिन है। नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों ने हमारा रास्ता रोकने का प्रयास किया। लेकिन हम अपने साहस भरे दृढ़ विश्वास तथा लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए आगे बढ़े हैं।’ खुदरा क्षेत्र को वैश्विक सुपरमार्केट के खोलने के विरोध का उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि जो लोग इन कदमों का विरोध कर रहे हैं वे या तो वैश्विक वास्तविकताओं को नहीं जानते या फिर पुरानी सोच या विचारधारा से बंधे हुए हैं।’
केंद्र द्वारा बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र को एफडीआई के लिए खोलने का चौतरफा विरोध हो रहा है। इस मसले पर संसद में मतदान में सरकार विजयी रही है। सरकार का इरादा बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को मौजूदा 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए संसद की मंजूरी लेने का भी है। इसके अलावा मौजूदा बैंकिंग कानून में भी सरकार संशोधन की तैयारी कर रही है।
महंगाई का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि इसे 5 से 6 प्रतिशत के स्तर पर लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महंगाई की दर पिछले दो साल में अस्वीकार्य उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसे सालाना औसतन 5 से 6 प्रतिशत के दायरे में लाने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 15, 2012, 12:42