अर्थव्यवस्था कोई फुटबॉल नहीं जिसे इधर से उधर फेंका जाए : चिदंबरम

अर्थव्यवस्था फुटबॉल नहीं जिसे इधर से उधर फेंका जाए : चिदंबरम

अर्थव्यवस्था फुटबॉल नहीं जिसे इधर से उधर फेंका जाए : चिदंबरममुंबई : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने में विपक्ष से समर्थन मांगते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को फुटबॉल नहीं समझें जिसे राजनीतिक दलों के बीच इधर से उधर फेंका जाता रहे।

एचडीएफसी बैंक के इतिहास पर एक पुस्तक का विमोचन करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘देश का आर्थिक रुप से कल्याण दलगत राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए। अर्थव्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है और देश का आर्थिक भविष्य भी काफी महत्वपूर्ण है। इसे राजनीतिक दलों के बीच फुटबॉल नहीं बनाया जा सकता।’ वित्त मंत्री ने उम्मीद जाहिर की कि जैसे ही एक अथवा दो मुद्दों पर सहमति बनती है और उन्हें सुलझा लिया जाता है तो उसके बाद सरकार के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाना संभव होगा और संसद के चालू शीतकालीन सत्र में अहम विधेयकों को आगे बढ़ाया जा सकेगा।

चिदंबरम ने कहा ‘मेरी विपक्ष के दो नेताओं के साथ अच्छी बैठक हुई है। हम राजनीतिक मुद्दों को सुलझा लेंगे। इस सत्र में वित्तीय विधेयकों को पारित कराने के अच्छे मौके हैं।’ उल्लेखनीय है कि बीमा, पेंशन, बैंकिंग और कंपनी विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक संसद की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन कोई कामकाज नहीं हो सकता। विपक्षी दलों ने बहुब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी।

वित्त मंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकार में मुख्य पार्टी और मुख्य विपक्षी पार्टी के बीच बातचीत होती रहनी चाहिए। ‘हमें एक दूसरे से बातचीत करते रहना चाहिए। हमें एक दूसरे के लिए बोलना चाहिए।’ उन्होंने वित्तीय क्षेत्र के शीर्ष अधिकारियों जैसे सेबी चेयरमैन यू.के. सिन्हा और स्टेट बैंक प्रमुख प्रतीप चौधरी से भी चाहा कि देश के समक्ष खड़ी प्रमुख आर्थिक चुनौतियों पर वह प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ संपर्क में रहें। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 25, 2012, 09:22

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