अर्थव्यवस्था में नरमी का दौर खत्म होगा: प्रणब मुखर्जी

अर्थव्यवस्था में नरमी का दौर खत्म होगा: प्रणब मुखर्जी

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज उम्मीद जताई कि अर्थव्यवस्था में नरमी का दौर खत्म होगा, लेकिन 12वीं योजना में 9 प्रतिशत की वृद्धि के लक्ष्य को विशेषकर शिक्षा जैसे विभिन्न सहायक कारकों के जरिए ही हासिल किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि भारत अभियांत्रिकी के क्षेत्र में बुनियादी सामर्थ्य रखता है और इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार एवं विस्तार के अलावा कई कदम उठाए गए हैं। मुखर्जी यहां प्रथम इंजीनियर्स कानक्लेव, 2013 का उद्घाटन कर रहे थे। मुखर्जी ने कहा, प्रति व्यक्ति आय में सतत वृद्धि, मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या और युवा व उर्जावान कार्यबल की वजह से देश की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने की अतर्निहित शक्ति मौजूद है। निश्चित रूप से सभी सम्बद्ध पक्ष और अधिक प्रयास करें तो वृद्धि के रझान को और तेज किया जा सकता है। आर्थिक नरमी के संदर्भ में राष्ट्रपति ने कहा, यद्यपि हाल के समय में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आई है, मुझे भरोसा है कि हम इस गिरावट पर लगाम लगाने में समर्थ होंगे और इसे उंची वृद्धि दर में तब्दील करेंगे।

पूर्व में वित्त मंत्री रह चुके मुखर्जी ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए कई अनुकूल कारकों की जरूरत है जिसमें शिक्षा एक क्षेत्र है। वृद्धि दर में तेजी लाने के लिए नवप्रवर्तन एक प्रमुख प्रबंधकीय रणनीति है।

राष्ट्रपति ने कहा कि नवप्रवर्तन के विभिन्न आयामों जैसे प्रक्रिया नवप्रवर्तन, उत्पाद नवप्रवर्तन, कारोबारी माडल नवप्रवर्तन एवं नयी प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तन पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है। मशीन टूल्स की डिजाइनिंग व विनिर्माण में मजबूत क्षमता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग को इस आकांक्षा को आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों व अनुसंधान संस्थानों के साथ मजबूत साझीदारी विकसित करनी होगी।

मुखर्जी ने भारत में कुल रोजगार में विनिर्माण क्षेत्र के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा देश में कुल रोजगार में विनिर्माण क्षेत्र का करीब 11 प्रतिशत योगदान है जो कई उभरते देशों की तुलना में कम है। उभरते देशों में कुल रोजगार में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान 15 से 30 प्रतिशत तक है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विनिर्माण नीति, 2011 के तहत 2025 तक विनिर्माण क्षेत्र में 10 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया है और 2022 तक जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़कर 25 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, September 17, 2013, 21:51

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