‘आंकड़ों में विसंगति से नीचे रही गरीबी रेखा’ - Zee News हिंदी

‘आंकड़ों में विसंगति से नीचे रही गरीबी रेखा’



नई दिल्ली : गरीबी के नए आंकड़ों को लेकर आलोचना का सामना कर रहे योजना आयोग ने मंगलवार को स्वीकार किया कि एनएसएसओ के आंकड़ों और राष्ट्रीय लेखा में गंभीर विसंगति के चलते शहरों में गरीबी रेखा के तहत प्रति व्यक्ति दैनिक खपत 28.65 रुपये सामने आई। एनएसएसओ के आंकड़ों की गुणवत्ता के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा कि उपभोक्ता सर्वेक्षण और राष्ट्रीय लेखा के बीच विसंगति एक गंभीर सांख्यिकी समस्या है।

 

आयोग ने परिवार उपभोक्ता खर्च सर्वे पर 66वें दौर का राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (2009-10) पर आधारित गरीबी के आंकड़े कल जारी किए। राष्ट्रीय आय के लिए आंकड़े उपलब्ध कराने वाला राष्ट्रीय लेखा केंद्रीय संगठन (सीएसओ) द्वारा तैयार किया जाता है। अनुमान के मुताबिक, 2009..10 में गरीबी का अनुपात 29.8 प्रतिशत बताया गया है जो 2004.05 के 37.2 प्रतिशत से काफी नीचे है। ये आंकड़े शहरों में 28.65 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 22.42 रुपये प्रति व्यक्ति दैनिक खपत पर आधारित हैं।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 20, 2012, 21:10

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