Last Updated: Saturday, February 23, 2013, 19:46

नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कर प्रशासन में आधुनिक प्रौद्योगिकी अपनाने पर जोर देते हुए सभी से हर साल कर रिटर्न दाखिल करने की अपील की है।
चिदंबरम ने शनिवार को कहा ‘स्रोत पर कर कटौती के तहत हमें सभी 28 लाख कर कटौती वालों को अपने नेटवर्क में लेना है। इस कर को सरकारी खाते में जमा कराना है और रिफंड करदाता के खाते में पहुंचाना है। यह केवल आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिए ही हो सकता है।’
चिदंबरम यहां दिल्ली से सटे गाजियाबाद के वैशाली में आयकर विभाग के केन्द्रीकृत प्रसंस्करण प्रकोष्ठ का उद्घाटन कर रहे थे। यह प्रकोष्ठ स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के लिए खोला गया है।
उन्होंने कहा,‘आयकर विभाग आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी की तरफ आगे बढ़ रहा है। इस केंद्र में टीडीएस रिटर्न की जांच परख होगी, महत्वपूर्ण आंकड़े यहां से उपलब्ध होंगे और सरकार को राजस्व प्राप्त होगा जबकि करदाताओं को उनका रिफंड मिलेगा। इस केन्द्र के काम करने से करदाताओं के लिये प्रक्रिया सरल होगी।’
चिदंबरम ने कहा,‘हमारे पास टीडीएस कटौती कराने वाले करीब 28 लाख कर निर्धारक है। इसमें से केवल 14 लाख लोग ही रिटर्न दाखिल करते हैं। करीब 14 लाख ऐसे हैं जो रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं। हमें पता नहीं कि वह टीडीएस की इसमें जानकारी देते हैं अथवा नहीं।’
चिदंबरम ने कहा कि आधुनिक प्रौघोगिकी पर आधारित कर प्रशासन से कर वसूली करने, कर देने वालों और कटौती करने वालों सभी को मदद मिलती है। इससे ये तीनों सीधे प्रक्रिया में शामिल हुये बिना भी एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। टीडीएस वैध चैनल से होने वाले किसी भी बड़े भुगतान पर काटा जाता है।
उन्होंने कहा कि टीडीएस वर्ष के बीच में ही सरकारी खजाने में जमा कराया जाता है। उसके बाद साल के अंत में करदाता जब रिटर्न जमा कराता है तो सालभर की कमाई के अनुरुप कर निर्धारण होने पर बकाये का भुगतान या फिर रिफंड कर दिया जाता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 23, 2013, 15:40