Last Updated: Sunday, August 11, 2013, 18:01
मुंबई : मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विभिन्न एजेंसियों द्वारा ऋण निर्गमों को दी गई आधे से अधिक रेटिंग्स गैर निवेश श्रेणी की रही जो कि भारतीय कंपनियों की खराब होती ऋण प्रोफाइल का प्रतीक है।
देश में ऋण साख एजेंसी (सीआरए) का नियमन करने वाले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष के पहले तीन महीने मे दीर्घकालिक कारपोरेट ऋण प्रतिभूतियों को 497 रेटिंग्स दी गई।
इनमें से 261 रेटिंग गैर निवेश श्रेणी की रहीं जबकि केवल 42 प्रतिभूतियों को ही उच्चतम सुरक्षा निवेश श्रेणी(एएए) मिली। हालांकि इन 42 एएए श्रेणी के निर्गमों से कुल मिलाकर 4 लाख करोड़ रुपये जुटाए गये जबकि गैर निवेश श्रेणी रेटिंग वाले 261 निर्गमों को केवल लगभग 4000 करोड़ रुपये मिले।
गैर निवेश श्रेणी उन कम गुणवत्ता वाले बांड को दी जाती है जिनमें चूक का जोखिम अधिक होता है। कंपनियां विभिन्न उद्देश्यों के लिए धन जुटाने हेतु ऋण प्रतिभूतियां जारी करती हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 11, 2013, 18:01