Last Updated: Monday, May 7, 2012, 09:35
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : सोने के आभूषण निर्माताओं और निवेशकों की चिंताओं को लेकर संसद के भीतर और बाहर बने दबाव के आगे झुकते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को गैर ब्रांडेड के साथ-साथ ब्रांडेड आभूषणों पर भी उत्पाद शुल्क समाप्त कर दिया। बजट में सामान्य कर परिवर्जन रोधी नियम (गार) को लेकर विदेशी निवेशकों की लगातार बढ़ती चिंता को दूर करते हुए वित्त मंत्री ने गार के प्रावधानों पर अमल एक साल के लिए टाल दिया। उन्होंने कहा कि गार के प्रावधान अब वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान होने वाली आय पर लागू होंगे। हालांकि, वोडाफोन मामले में उन्होंने कोई राहत नहीं दी।
वहीं, संपत्ति की खरीद-बिक्री पर 1% टीडीएस को भी वापस ले लिया गया है। बजट में 50 लाख से ज्यादी कीमत की प्रॉपर्टी पर 1% टीडीएस का प्रावधान किया गया था।
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वित्त विधेयक 2012 को चर्चा के लिये लोकसभा में पेश करते हुये कहा कि वर्ष 2012-13 का बजट पेश करने के बाद कर प्रस्तावों में बदलाव और सुधार के बारे में मुझे संसद के भीतर और बाहर से कई सुझाव मिले। कुछ नई राहत पाने के लिए भी आग्रह किए गए। इनमें से कुछ सुझावों को विधेयक में संशोधन के जरिये पूरा करने का मैं प्रस्ताव करता हूं जबकि अप्रत्यक्ष कर से जुड़ी चिंताओं का निदान अधिसूचना के जरिये किया जाएगा। वोडाफोन मामले में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि आयकर कानून में पिछली तिथि से संशोधन का प्रावधान उन्हीं सौदों में असरकारी होगा जहां भारत स्थित संपत्तियों का सौदा निम्न कर अथवा शून्य कर वाले देशों के जरिये किया गया है।
उन्होंने कहा कि जिन देशों के साथ भारत की दोहरे कराधान से बचने की संधि हो चुकी है उन देशों में हुये सौदों पर प्रस्तावित संशोधन लागू नहीं होगा। भारत की ऐसी संधि 82 देशों के साथ है। जारी सोना, चांदी और आभूषण कारोबार में कालेधन के प्रवाह को रोकने के लिए आभूषण विक्रेता द्वारा स्रोत पर एक प्रतिशत कर कटौती (टीसीएस) का बजट में प्रावधान किया गया। इसे लेकर भी स्वर्णकारों का काफी विरोध था। उनकी मांग पर गौर करते हुये वित्त मंत्री ने दो लाख के बजाय अब पांच लाख रुपये से अधिक आभूषणों की नकद खरीद पर ही एक प्रतिशत टीसीएस काटने का प्रस्ताव किया है। हालांकि, सोने, चांदी की सिल्ली अथवा छड़ (बुलियन) की दो लाख रुपये अथवा इससे अधिक के नकद सौदे में विक्रेता को टीसीएस काटना होगा।
वित्त मंत्री ने अचल संपत्तियों के हस्तांतरण के समय स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) काटने का प्रावधान भी वापस ले लिया। वित्त विधेयक में कृषि भूमि को छोड़कर अन्य अचल संपत्तियों के हस्तांतरण पर भुगतान करते समय राशि का एक प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान किया गया था। मुखर्जी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आयकर कानून में पिछली तिथि से प्रस्तावित संशोधन उन मामलों में लागू नहीं होगा जहां कर निर्धारण आदेश को अंतिम रुप दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मैंने केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से कहा है कि वह वित्त विधेयक पारित होने के बाद वह इस संबंध में स्थिति को स्पष्ट करते हुये सकरुलर जारी करें।
वित्त मंत्री ने गैर.सूचीबद्ध प्रतिभूतियों की बिक्री के मामले में निजी इक्विटी निवेशकों सहित प्रवासी निवेशकों के लिये दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। इस बदलाव से निजी इक्विटी निवेशकों को भी अब विदेशी संस्थागत निवेशकों की बराबर दर से कर देना होगा। कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्धता की तरफ प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये गैर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभकर नहीं लगेगा। ऐसे शेयरों की बिक्री पर प्रतिभूति लेनदेन कर 0.2 प्रतिशत की दर से लगाया जाएगा।
सोने के गैर ब्रांडेड आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने और दो लाख रुपये से अधिक के जेवर की नकद खरीदारी पर विक्रेता द्वारा एक प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर वसूली (टीसीएस) के बजट प्रावधान को लेकर सर्राफा व्यापारियों में काफी रोष था। इन बजट प्रस्तावों के खिलाफ देशभर के सर्राफा व्यापारी 17 मार्च से लेकर सात अप्रैल तक हड़ताल पर रहे। वित्त मंत्री ने आज अपना वादा निभाते हुये गैर.ब्रांडेड के साथ साथ ब्रांडेड आभूषणों पर भी उत्पाद शुल्क समाप्त कर दिया।
वित्त मंत्री ने सीमित हाथों में रहने वाली कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य से अधिक दाम मिलने पर कर प्रावधान को भी समाप्त करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अधिसूचित निवेशकों की श्रेणी को आयकर अधिनियम के प्रावधानों से छूट का प्रस्ताव किया है। बजट पेश होने के बाद लगातार हिचकोले खाते शेयर बाजार की स्थिति पर नजर रखते हुए वित्त मंत्री ने विदेशों से कर्ज लेकर कुछ खास क्षेत्रों में वित्तपोषण के मामले में पांच प्रतिशत की दर से ‘विदहोल्डिंग टैक्स’ का प्रस्ताव किया था। अब सभी क्षेत्रों को यह सुविधा मिलेगी। ढांचागत क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक बॉंड के जरिये जुटाई गई राशि पर भी निम्न कर की यह सुविधा मिलेगी।
वित्त मंत्री ने उत्पाद एवं सीमाशुल्क मामले में प्रस्तावित कुछ संशोधनों का जिक्र करते हुये कहा कि अपराधों को संज्ञेय और गैर.जमानती बनाने का प्रावधान किया गया। ऐसे मामलों में सरकारी अधिवक्ता को सुनने के बाद ही जमानत देने का प्रावधान किया गया। इस प्रावधान को आज पूरी तरह समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया। मुखर्जी ने कहा कहा कि सीमा शुल्क कानून के तहत प्रतिबंधित सामानों अथवा 50 लाख रुपये से अधिक कर चोरी के जैसे गंभीर मामलों को ही संज्ञेय माना जायेगा। हालांकि, ऐसे अपराधों में भी जमानत दी जाएगी।
बजट में 50 लाख रुपये से अधिक प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री पर एक फीसदी टीडीएस का प्रस्ताव भी किया गया था। इसे इस साल अगस्त से लागू होना था। यदि ऐसा होता तो प्रॉपर्टी खरीदना-बेचना और महंगा हो जाता। लेकिन वित्त मंत्री ने वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान टीडीएस का प्रस्ताव वापस लेने का ऐलान किया।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 8, 2012, 09:28