`आय का सही ब्योरा न देने पर होगी कड़ी कार्रवाई`-Govt asks taxpayers to disclose true income or face action

`आय का सही ब्योरा न देने पर होगी कड़ी कार्रवाई`

`आय का सही ब्योरा न देने पर होगी कड़ी कार्रवाई`नई दिल्ली : कर वसूली में धीमी वृद्धि को देखते हुए सरकार ने वास्तविक आय छुपाने वालों को आज आगाह किया वे सही आय का ब्यौरा देते हुये 15 दिसंबर तक अग्रिम कर का भुगतान करें अन्यथा कारवाई के लिये तैयार रहें।

राजस्व सचिव सुमित बोस ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘सरकार सभी कर निर्धारकों से आग्रह करती है कि वह अपनी आय के बारे में सही सही ब्यौरा दें। आय को दबाने अथवा छिपाने से कोई फायदा नहीं होगा।’’ बोस ने इस बात पर खेद जताया कि करदाता अग्रिम कर भरते समय आय को काफी कम करके आंकते हैं। उन्होंने कहा ‘‘विभाग के पास उपलब्ध सूचना देर सबेर आयकर विभाग को ऐसे लोगों के दरवाजे तक पहुंचा ही देगी।’’ बोस ने बताया कि वर्ष 2012.13 के दौरान पेशेवरों और कंपनियों सहित केवल 14.62 लाख करदाताओं ने ही अपनी आय 10 लाख रुपये से अधिक दिखाई है।

उन्होंने कहा ‘‘कोई भी सुलझे दिमाग का व्यक्ति इससे सहमत हो सकता है कि बड़े पैमाने पर आय को कम करके दिखाया जा रहा है।’’ चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अक्तूबर के सात महीनों के दौरान प्रत्यक्ष कर वसूली 3.02 लाख करोड़ रुपये रही है। एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले इसमें 6.59 प्रतिशत वृद्धि रही है। हालांकि, वर्ष के लिये 15 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने वर्ष के दौरान प्रत्यक्ष कर के जरिये 5.70 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें आयकर, कंपनी कर और संपत्ति कर शामिल होता है।

बोस ने कहा कि आयकर विभाग के पास सूचना है कि 33.83 लाख लोगों के पास बैंक खातों में 10 लाख रुपये से अधिक की नकद जमा राशि पड़ी है। इसके अलावा 16 लाख लोगों ने क्रेडिट कार्ड के एवज में दो लाख और इससे अधिक का भुगतान किया है। करीब 12 लाख लोगों ने 30 लाख रुपये अथवा इससे अधिक की आवास संपत्ति खरीदने अथवा बेचने का फैसला किया।

कंपनियों के लिये अग्रिम कर की तीसरी किस्त भरने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है जबकि बाकी सभी निर्धारकों के लिये यह अग्रिम कर की दूसरी किस्त होगी।

बोस ने कहा ‘‘जिन करदाताओं ने अभी तक सही अग्रिम कर का भुगतान नहीं किया है, उनके लिये गलती ठीक करने का एक मौका है, वह 15 दिसंबर तक अग्रिम कर का भुगतान कर सकते हैं।’’ वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कराधान और कर प्रशासन के बारे में एक वक्तव्य दिया था। उन्होंने कर कानूनों में स्पष्टता, स्थिर कर दरें और करदाताओं के प्रति अनुकूल रवैया अपनाने वाला कर प्रशासन तथा विवादों के निपटारे के लिये उचित प्रणाली पर जोर दिया। उन्होंने इसके साथ ही निवेशकों को आश्वस्त करने वाली स्वतंत्र न्यायपालिका की जरुरत भी बताई।

वित्त मंत्री ने अपने वक्तव्य में करदाताओं से तय समय पर अग्रिम कर का भुगतान करने की हिदायत देते हुये कहा था ‘‘कर भुगतान करना स5यता की निशानी है, यदि मैं अधिक कर देता हूं तो मुझ अधिक प्रसन्नता और ज्यादा गर्व होना चाहिये कि मैं अधिक कमाई कमाता हूं इसलिये ज्यादा कर भुगतान करता हूं।’’ (एजेंसी)

First Published: Monday, December 10, 2012, 15:28

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