Last Updated: Sunday, March 3, 2013, 13:24

नई दिल्ली : वित्त विधेयक के संसद में पारित होने से पहले सरकार सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, सेवा कर, बीमा और बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित कई गैर विधायी फैसलों की घोषणा करेगी, जिससे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिल सके।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रविवार को यहां कहा कि 28 फरवरी को उनके द्वारा पेश बजट विधायी क्षेत्रों और व्यापक एजेंडा पर आधारित है। अब सरकार गैर विधायी फैसलों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा कि इन फैसलों में सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, सेवा कर, बीमा और बैंकिंग शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि संसद में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान और घोषणाएं की जाएंगी तथा कई और फैसले लिए जाएंगे।
बजट बाद एक साक्षात्कार में चिदंबरम ने कहा कि वह वृद्धि के इंजन को फिर से चालू करने के लिए उनके (चिदंबरम द्वारा) द्वारा बजट में जो कुछ किया गया है उससे संतुष्ट हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘मेरी पार्टी खुश दिख रही है। विपक्ष को तो आलोचना करनी ही है। यही विपक्ष की भूमिका है। खुलासा करना, विरोध करना और नीचे गिराना।’
चिदंबरम ने कहा,‘मैं इन आलोचनाओं से घबराता नहीं हूं। जैसा कि मीडिया करता है, कुछ चीजों को बढ़ाचढ़ाकर दिखाना और कुछ को नजरअंदाज करना। यह कुछ शिक्षा, कुछ मनोरंजन है।’ बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं किए जाने के सवाल को हंसकर टालते हुए वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘इस तरह की बड़ी घोषणाओं में सिर्फ मीडिया की रुचि होती है। आम लोग छोटे और महत्वपूर्ण कदम चाहते हैं जिससे वृद्धि के इंजन को फिर से शुरू किया जा सके।’
वित्त मंत्री ने कहा कि मीडिया को अधिक उम्मीद, थियेटर पसंद है, लेकिन लोग सुचारू वृद्धि चाहते हैं जिससे जीवनयापन सुचारु हो।’ चिदंबरम ने अब से मई, 2014 से पहले होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोकलुभावन घोषणाओं की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ पांच बजट पेश कर सकती है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने अपना पांचवां बजट पेश कर दिया है। अगले साल फरवरी में लेखानुदान पेश होगा और उसके बाद चुनाव कराए जाएंगे।
एक घंटे के साक्षात्कार में वित्त मंत्री ने कई विषयों मसलन धनकुबेरों पर कर, कर चोरी रोकने के उपाय और काले धन को वापस लाने से संबंधित सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कर अपवंचकों के लिए किसी प्रकार की माफी योजना लाने से इनकार किया।
अगले साल चुनाव के बावजूद बजट लोकलुभावन क्यों नहीं है, इस सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्पष्ट तौर पर समझती है कि अभी आर्थिक विकल्प सीमित हैं और देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती वृद्धि के इंजन को फिर से शुरू करने की है। यह पूछे जाने पर नए फैसलों का मकसद क्या होगा, चिदंबरम ने कहा, ‘अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। संसद सत्र चल रहा है। उद्देश्य सिर्फ वृद्धि बढ़ाना है।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 3, 2013, 13:24