Last Updated: Wednesday, January 11, 2012, 10:12
दुबई : आर्थिक रफ्तार में कमी के बावजूद भारत और चीन दुनिया की आर्थिक वृद्धि दर में करीबन आधे का योगदान कर रहे हैं। निवेश प्रबंधन और सलाहकार सेवा कंपनी की एक खबर में यह दावा किया गया है।
ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट इंस्टिट्यूट (बीआईआई) की रिपोर्ट ‘द ईयर आफ लिविंग डाइवर्जेंटली’ में कहा गया है कि 2012 का साल निवेशकों को धीमी वृद्धि की रफ्तार देगा। इसमें अमेरिका को झटका लगेगा, हालांकि उसकी वृद्धि दर सकारात्मक रहेगी। वहीं दूसरी ओर यूरोप मंदी की गिरफ्त में जा सकता है।
ब्लैकरॉक में मुख्य इक्विटी रणनीतिकार (आधारभूत इक्विटी) रॉबर्ट सी. डॉल ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक संकट से वृद्धि प्रभावित होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते बाजारों की अर्थव्यवस्थाएं लघु और दीर्घावधि में वैश्विक वृद्धि का महत्वपूर्ण आधार होंगी। इसमें कहा गया है कि अपने आकार और वृद्धि दर की वजह से चीन और भारत विशेष रूप से महत्व रखते हैं। दोनों देशों में वृद्धि की रफ्तार 2011 की तुलना में 2012 में कम रहेगी। इसके बावजूद वैश्विक वृद्धि में इन दोनों देशों का हिस्सा 50 प्रतिशत का होगा।’
रिपोर्ट के अनुसार, चीन का वैश्विक वृद्धि में 40 फीसदी का हिस्सा होगा। वहीं भारत और अमेरिका की हिस्सेदारी 15-15 प्रतिशत की होगी। हाल तक उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती महंगाई की वजह से नीति निर्माता ब्याज दरों को बढ़ाने को मजबूर हुए थे। उम्मीद है कि 2012 में किसी समय यह रुख पलटना शुरू होगा।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 11, 2012, 15:43