Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 12:22
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि आर्थिक समीक्षा बजट बनाने के लिए महत्वपूर्ण सामग्री मुहैया कराती है और यह सरकारी नीतियों की आलोचना भी कर सकती है।
मुखर्जी ने यहां संवाददाताओं से कहा, इसमें (समीक्षा) उक्त वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास और इसकी चुनौतियों का जिक्र होता है। यह, बजट बनाने के लिए महत्वपूर्ण सामग्री उपब्ध कराती है। मैं इस बार की आर्थिक समीक्षा को 14 नए विचारों और वैकल्पिक नीतिगत विकल्पों की वाहक मानता हूं। वित्त मंत्री ने बुधवार को संसद में आर्थिक समीक्षा पेश 2011-12 पेश किया।
समीक्षा में अनुमान जाहिर किया गया है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष के दौरान करीब 7.6 फीसद होगी। वित्त वर्ष 2011-12 में वृद्धि दर 6.9 फीसद रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा, समीक्षा में सरकारी विचार को पेश करना जरूरी नहीं होता। कई बार इसमें सरकार या सरकारी नीति की आलोचना भी होती है। इस साल की आर्थिक समीक्षा में दो नए खंड-जलवायु परिवर्तन के लिए धन की व्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का उद्भव-जोड़ा गया है जिसमें मौजूदा वैश्विक नरमी, यूरोक्षेत्र के संकट और भारत के संदर्भ में इसके अर्थ का जिक्र किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 15, 2012, 17:52