Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 09:09
नई दिल्ली : खुदरा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को लेकर राजनीतिक दलों में भले ही आम सहमति न हो, लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इसकी वकालत की गई है। इसमें कहा गया है कि इसे चरणबद्ध तरीके से बड़े शहरों से शुरू किया जाना चाहिए। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआई एक बड़ा मुद्दा है। इसे चरणबद्ध तरीके से बड़े शहरों से शुरू किया जा सकता है। लेकिन एफडीआई की निचली सीमा तय की जानी चाहिए और देसी किराना दुकानों को भी आधुनिक बनाया जाना चाहिए, ताकि वे बड़े स्तर के घरेलू या विदेशी किराना स्टोर से मुकाबला कर सकें।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों तथा सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस के भारी विरोध के बाद केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का फैसला वापस ले लिया था। लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इसे वाजिब ठहराया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा लोकसभा में पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि एफडीआई से जहां कृषि बाजार में सुधार होगा, वहीं आधुनिक खुदरा व्यापार में भी विकास होगा। सरकार का राजस्व भी बढ़ सकता है, क्योंकि मौजूदा खुदरा क्षेत्र बेहद असंगठित है और इससे सरकार को बहुत कम कर मिलता है।
आर्थिक सर्वेक्षण में मंडियों में व्यापार के तरीके में सुधार की अनुशंसा भी की गई है। इसमें यह भी कहा गया कि गठबंधन राजनीति की मजबूरी के कारण सरकार सुधार के लिए आवश्यक बहुत से कदम नहीं उठा रही है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 15, 2012, 20:40