Last Updated: Thursday, April 19, 2012, 08:44
वाशिंगटन : वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने स्वीकार किया कि आर्थिक सुधारों की रफ्तार धीमी पड़ी है और 2014 के आम चुनाव से पहले प्रमुख सुधारों को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा।
बसु ने दावा किया कि अगले आम चुनाव के बाद वर्ष 2015 से भारत विश्व की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। उन्होंने कहा कि यदि आम चुनाव के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार सत्ता में आई तो सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाएगी। बसु ने कहा कि फिलहाल कम महत्वपूर्ण विधेयक ही संसद में पेश हो सकते हैं, लेकिन प्रमुख आर्थिक सुधार से जुड़े विधेयकों के सामने अड़चनें आ सकती हैं। अगले संसदीय चुनाव से पहले इन्हें आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे सुधार हैं जिन्हें तेजी से आगे बढ़ाने की जरूरत है। खुदरा ऐसा क्षेत्र है जो विदेशी निवेश की मंजूरी के लिए इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में सब्सिडी के दुरुपयोग और कमजोर बुनियादी ढांचे के मामले पर ध्यान देने की जरूरत है। वाशिंगटन की एक संस्था ‘कार्नेगी एंडाओमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ की एक बैठक में बसु ने कहा कि चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली सरकार सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाएगी और विभिन्न मोर्चों पर सुधार होंगे। बसु अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की बैठक में भी भाग लेंगे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 19, 2012, 14:14