Last Updated: Sunday, October 23, 2011, 09:11
नई दिल्ली : यूरोप तथा अमेरिका में जारी आर्थिक संकट का असर भारतीय निर्यात पर पड़ना शुरू हो गया है। देश के इंजीनियरिंग क्षेत्र के निर्यात सितंबर महीने में सालाना आधार पर करीब 14 प्रतिशत घटकर 7.1 अरब डालर का रहा।
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद के एक अधिकारी ने कहा कि यह आंकड़ा अभी अस्थायी है। आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष की इसी महीने में इंजीनियरिंग निर्यात 8.3 अरब डालर का था।
वित्त वर्ष 2010-11 में देश का कुल निर्यात 245.9 अरब डालर रहा। इसमें सर्वाधिक 60 अरब डालर का योगदान इंजीनियिरिंग वस्तुओं का था।
यूरो क्षेत्र में ऋण संकट तथा तथा अमेरिकी में आर्थिक वृद्धि की धीमी रफ्तार के बावजूद देश का कुल निर्यात अप्रैल-सितंबर अवधि में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 52 प्रतिशत बढ़कर 160 अरब डालर का रहा।
इंजीनियिरिंग निर्यात की वृद्धि दर में गिरावट सितंबर से शुरू हुई है। इससे पहले, चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीने (अप्रैल-अगस्त) में इसका निर्यात 125 प्रतिशत बढ़कर 40 अरब डालर रहा।
ईईपीसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पश्चिमी बाजारों में आर्थिक नरमी के कारण मांग में गिरावट दर्ज की गयी है।’’
भारतीय निर्यात संगठनों के परिसंघ (फियो) के अध्यक्ष रामू एस देवड़ा ने कहा कि यूरो क्षेत्र में समस्या के कारण यह प्रवृत्ति तीसरी और चौथी तिमाही में जारी रहने की संभावना है।
देश के इंजीनियरिंग निर्यात में अमेरिका तथा यूरोपीय बाजारों की संयुक्त रूप से हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है।
इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात में परिवहन उपकरण, पूंजीगत सामान, अन्य मशीनरी उपकरण तथा हल्के इंजीनियरिंग उत्पाद शामिल हैं।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 23, 2011, 14:43