इंडियन ऑयल का मुनाफा 52% बढ़ा - Zee News हिंदी

इंडियन ऑयल का मुनाफा 52% बढ़ा



दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कापरेरेशन ने दिसंबर में समाप्त तीसरी तिमाही में 2,488.44 करोड़ रुपये का शु्द्ध मुनाफा अर्जित किया है जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में हासिल मुनाफे से 52 प्रतिशत अधिक रहा।

 

कंपनी को अपनी मथुरा रिफाइनरी में तेल एवं गैस मंगाने के लिये उसपर प्रवेश शुल्क के लिये 6,168 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि का प्रावधान करना पड़ा अन्यथा उसकी तीसरी तिमाही का मुनाफा कहीं ज्यादा होता। हालांकि, अप्रैल से दिसंबर 2011 के नौ महीनों की अवधि में कंपनी को 8,715.81 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।

 

कंपनी के चेयरमैन आरएस बुटोला ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया तीसरी तिमाही में सरकार की तरफ से सब्सिडी के एवज में 8,237 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति राशि मिलने से तीसरी तिमाही में कंपनी मुनाफे में दिखी है।

 

उत्तर प्रदेश में मथुरा रिफाइनरी पर 6,168 करोड़ रुपये के प्रवेश शुल्क की देन दारी का इसी तिमाही में अचानक प्रावधान न करना पड़ता तो यह तिमाही लाभ और बेहतर दिखता। पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री आयात लागत से कम मूल्य पर करने से कंपनी की आय पर दबाव बना हुआ है।

 

कंपनी की मथुरा रिफाइनरी में इस्तेमाल होने वाले कच्चे तेल और गैस पर राज्य सरकार ने 5.78 डॉलर प्रति बैरल की दर से प्रवेश शुल्क लगाने का फैसला किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी राज्य में प्रवेश शुल्क कानून की वैधता को माना और कंपनी को इसका भुगतान करने को कहा। कंपनी ने उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन और विशेष अनुमति याचिका दायर करते हुये उच्चतम न्यायालय में इसे चुनौती दी।

 

उच्चतम न्यायालय ने 17 जनवरी को स्थगन दे दिया लेकिन इसके साथ ही यह शर्त भी लगा दी कि प्रवेश शुल्क के बकाये का 50 प्रतिशत भुगतान और शेष राशि की बैंक गारंटी कंपनी को देनी होगी। इसके अलावा भविष्य में शुल्क की पूरी अदायगी करनी होगी। फैसला आने तक कंपनी ने इस मद में 6,168.19 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है जिसमें कि अप्रैल से दिसंबर 2011 की अवधि के लिये 1156,11 करोड़ रुपये का भुगतान और 619.60 करोड़ रुपये का पिछले वर्षों का ब्याज भी शामिल है।

 

बुटोला ने बताया कि कंपनी को अभी भी विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री पर नुकसान हो रहा है। डीजल पर उसे 11.35 रुपये, राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल पर 28.67 रुपये प्रति लीटर और घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर 378 रुपये की कम वसूली हो रही है। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर नौ महीनों की अवधि में कंपनी को 53,321 करोड़ रुपये की अंडररिकवरी हुई जिसमें से 20,189 करोड़ अपस्ट्रीम कंपनियों और 24,625 करोड़ रुपये सरकार की तरफ से नकद सब्सिडी के रुप में प्राप्त हुये।

 

बुटोला ने बताया, तेल एवं गैस उत्पादक कंपनियों (ओएनजीसी, ऑयल इंडिया और गेल इंडिया) से मिली सहायता और सरकार की नकद सब्सिडी को शामिल करने के बाद इंडियन ऑयल ने 8,507 करोड़ रुपये की अंडररिकवरी कंपनी को वहन करनी पड़ी। (एजेंसी)

First Published: Monday, February 13, 2012, 21:18

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