Last Updated: Monday, September 24, 2012, 21:47

चेन्नई : देश की आर्थिक विकास दर मौजूदा कारोबारी साल में 6.7 फीसदी रहेगी, क्योंकि मानसून उम्मीद से बेहतर रहा और दूसरी छमाही में विकास दर में तेजी आएगी। यह बात सोमवार को एक प्रमुख अर्थशास्त्री ने कही।
मद्रास स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के इतर मौके पर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने कहा, हमारा अनुमान था कि विकास दर लगभग 6.7 फीसदी रहेगी, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ी बेहतर है। मुझे लगता है कि दूसरी छमाही में विकास दर में तेजी आएगी और इसके संकेत मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की विकास दर पहले जताए अनुमान से बेहतर रहेगी, क्योंकि मानसून उम्मीद से बेहतर रहा है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत में कम बारिश होने और यूरोपीय संकट के जारी रहने तथा अमेरिका में उम्मीद से कम आर्थिक तेजी रहने के कारण सोमवार को भारत की विकास दर का पूर्वानुमान एक प्रतिशतांक घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया।
रंगराजन के मुताबिक आर्थिक सुधार सतत प्रक्रिया है और कोशिशें वित्तीय घाटा कम करने की तरफ होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश को चालू खाता घाटा कम करने की कोशिश करनी चाहिए। रियायत पर उन्होंने कहा कि इसे सकल घरेलू उत्पाद के दो फीसदी के दायरे में सीमित रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रियायत को लक्षित किया जाना चाहिए ताकि वह जिसके लिए हो, उसे ही उसका लाभ मिले। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 24, 2012, 20:26