Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 14:12

नई दिल्ली : धन की कमी से जूझ रही सरकार अब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को वित्त वर्ष 2012 के लिए उंची दर से लाभांश देने के लिए राजी कर अतिरिक्त 7,000 करोड़ रुपए जुटाने की संभावना देख रही है। इससे लाभांश के जरिए इस वित्त वर्ष में कुल वसूली 30,000 करोड़ रुपए तक जा सकती है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम सरकारी कंपनियों से 7,000 करोड़ रुपए अधिक लाभांश की प्राप्ति की संभावना पर विचार कर रहे है। इसके अलावा 1,500 करोड़ रुपए लाभांश वितरण कर से जुटाने का विचार है।
आर्थिक मामलों के सचिव आर गोपालन के नेतृत्व में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुखों के साथ कई बैठकें की ताकि उन्हें सरकार को अतिरिक्त लाभांश देने के लिए सहमत किया जा सके।
वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 25,978 करोड़ रुपए का लाभांश प्राप्त हुआ था। चालू वित्त वर्ष में इस मद से 23,495 करोड़ रुपए जुटने का अनुमान था।
सरकार को बढ़ते सब्सिडी बिल और विनिवेश से कम प्राप्ति के कारण वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आशंका है कि 2011-12 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 4.6 फीसद के बराबर रहने के बजट अनुमान से काफी उंचा जा सकता है।
सरकारी उपक्रमों के विनिवेश से इस वित्त वर्ष में सिर्फ 1,145 करोड़ रुपए जुटाए जा सके हैं जबकि लक्ष्य 40,000 करोड़ रुपए का है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 25, 2012, 19:42