Last Updated: Thursday, April 26, 2012, 16:03
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के ब्याज दर को वर्ष 2012-13 के लिए 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दिया जाएगा। इस कदम से पांच करोड़ कर्मियों को फायदा पहुंचेगा। राज्यसभा में ईपीएफ की ब्याज दर को घटाकर 8.25 प्रतिशत किए जाने की चर्चा करते हुए श्रम मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे ने ने कहा कि ब्याज दर का निर्धारण संबंधित वर्ष में हुई आय पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय के अनुसार इस साल 8.25 प्रतिशत से अधिक की राशि के भुगतान की गुंजाइश नहीं है। राजस्व के आधार पर ब्याज दरों पर फैसला किया जाता है। अगली बार यह 8.6 फीसदी होगा। गौर हो कि ईपीएफओ ने 2011-12 के लिए ब्याज दरों को 9.25 फीसदी से घटाकर 8.25 फीसदी कर दिया था।
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि श्रम विभाग में हर फैसला त्रिपक्षीय होता है, जिसमें एक ओर श्रमिक संगठन तो दूसरी ओर सरकार एवं तीसरी ओर नियोक्ता होते हैं। श्रमिकों के पेंशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय का प्रयास कम से कम एक हजार रुपए का पेंशन निर्धारित करने का है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक पत्र वित्त मंत्रालय को लिखा गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि 83 प्रतिशत मामलों में पेंशन की राशि एक हजार रुपए से कम है।
खडगे ने कोष की राशि को सुरक्षित रखे जाने पर बल देते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि अधिक आय के लिए कोष की राशि शेयर या ऐसे किसी क्षेत्र में निवेश किया जाए जहां रिटर्न बेहतर हो लेकिन उसमें काफी जोखिम भी हो। उन्होंने हालांकि आश्वासन दिया कि आय में वृद्धि होने पर इसमें फिर से वृद्धि की जा सकती है। श्रमिकों की संख्या में महिलाओं की घटती भागीदारी के मुद्दे पर श्रम मंत्री ने कहा कि इस पर गौर करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार कौशल विकास योजना की शुरुआत कर रही है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में शुरू होने वाली इस योजना में हर साल एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, April 26, 2012, 21:33