ईरान से तेल आयात बढ़ाने को PMO ने बैठक बुलाई

ईरान से तेल आयात बढ़ाने को PMO ने बैठक बुलाई

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस समय डॉलर बचाने की जरूरत के मद्देनजर ईरान से कच्चे तेल का आयात बढ़ाने पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई है। ईरान को इस समय भुगतान रपए में किया जा रहा है।

तेल आयात के बढ़ते खर्च की वजह से देश के चालू खाते के घाटे (कैड) पर अंकुश के सरकार के प्रयासों को बट्टा लगने का जोखिम है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पुलक चटर्जी ने इस सप्ताह यह बैठक बुलाई है जिससे तेल आयात बिल घटाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

बैठक में विदेश सचिव सुजाता सिंह, पेट्रोलियम सचिव विवेक राय, वाणिज्य सचिव एस आर राव तथा आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम शामिल होंगे।

बैठक में ईरान से तेल आयात बढ़ाने तथा स्टाक प्रबंधन पर भी विचार होगा। भारत ने 2012-13 में कुल 144.3 अरब डॉलर का तेल आयात किया। चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह में ही भारत कच्चे तेल के आयात पर 47.13 अरब डॉलर की राशि खर्च कर चुका है।

सूत्रों ने बताया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को कच्चे तेल का आयात 2012-13 के स्तर 10.59 करोड़ टन पर रखने को कह सकती है, जिससे 1.76 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इसके अलावा सरकार मौजूदा 7 से 14 दिन की अवधि के बजाय सिर्फ दो-तीन दिन का कच्चे तेल का भंडार रखने को कह सकती है, जिससे पेट्रोलियम कंपनियां की भंडार के रखरखाव में लगी लाखों डॉलर की राशि मुक्त हो सकेगी।

बैठक के एजेंडा में ईरान से कच्चे तेल का आयात बढ़ाना भी है। पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली का मानना है कि शेष बचे वित्त वर्ष में ईरान से 1.1 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात कर 8.47 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा बचाई जा सकती है। (एजेंसी)

First Published: Monday, September 9, 2013, 18:10

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