'उंची वृद्धि के लिए भारत बढ़ाए सुधार गति' - Zee News हिंदी

'उंची वृद्धि के लिए भारत बढ़ाए सुधार गति'

 

वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने बुधवार को कहा कि भारत को अपनी आर्थिक वृद्धि की पूरी क्षमता को हासिल करने के लिए आर्थिक सुधारों की रफ्तार बढ़ानी होगी। आईएमएफ ने हालांकि भारत में महंगाई की उंची दर पर चिंता जताई है।

 

भारत के साथ विचार विमर्श के बाद आईएमएफ ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को महंगाई को और बढ़ने से रोकने के लिए दरों में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए। आईएमएफ का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में आधा प्रतिशत की कटौती है।

 

भारत सरकार के साथ सालाना विचार विमर्श (जिसे अनुच्छेद चार का विचार विमर्श भी कहा जाता है) के बाद आईएमएफ ने कहा, एक प्रमुख चुनौती वृद्धि दर को उसकी पूरी क्षमता पर लाने और उसका लाभ सभी को पहुंचाने की है। इसके साथ ही महंगाई की दर को भी नीचे लाना होगा। इसके लिए आर्थिक सुधारों और वित्तीय मजबूती की जरूरत होगी।

 

भारत की अर्थव्यवस्था 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से पहले तक 9 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी। 2008-09 में यह घटकर 6.7 प्रतिशत पर आ गई। 2011-12 में यह तीन साल के निचले स्तर 6.9 प्रतिशत पर आ गई।
आईएमएफ ने कहा, आर्थिक वृद्धि के नीचे की ओर जाने का जोखिम कायम है। घरेलू मोर्चे पर मुख्य जोखिम निजी निवेश में और कमी आने का है। यदि सरकारी मंजूरियां की रफ्तार नहीं बढ़ती, सुधार के प्रयास तेज नहीं होते और मुद्रास्फीति उंची बनी रहती है, तो ऐसी स्थिति बन सकती है।

 

कल जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा है कि आईएमएफ ने विश्व अर्थव्यवस्था की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में कमी का अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने कहा है कि 2012 के कैलेंडर साल में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
आईएमएफ ने कहा कि निजी निवेश को लाने और मुद्रास्फीतिक संभावनाओं को कम करने के लिए राजकोषीय मजबूती जरूरी है। आईएमएफ ने कहा कि बुनियादी ढांचा और सामाजिक क्षेत्र में खर्च बढ़ाने की जरूरत है।

 

आईएमएफ ने इसके साथ ही ईंधन और उर्वरक सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने और कर सुधारों को प्रोत्साहित करने की बात कही है। विशेषकर उसने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने पर जोर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा है कि राजनीतिक कारणों से भारत सरकार लंबे समय से लंबित बीमा, पेंशन, बैंकिंग और खुदरा क्षेत्र के सुधारों को लागू नहीं कर पाई है।  (एजेंसी)

First Published: Wednesday, April 18, 2012, 20:01

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