Last Updated: Tuesday, April 24, 2012, 16:15
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को संसद को बताया कि वर्ष 2011 में अधिक ब्याज दर और सुस्त आर्थिक वृद्धि ने उधार लेने वालों की पुनर्भगतान क्षमता को प्रभावित किया है। प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि वर्ष 2011 के दौरान ब्याज दर में वृद्धि और धीमे आर्थिक विकास ने हर श्रेणी के उधार लेने वालों, विशेषकर लघु एवं मध्यम उपक्रमों की भुगतान क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
मुखर्जी ने कहा कि अधिक ब्याज दर और धीमा आर्थिक विकास उधार लेने वालों की भुगतान क्षमता को प्रभावित किया तथा बैंकों की गैर निष्पादक आस्तियों को बढ़ाकर 1.27 लाख करोड़ तक पहुंचा दिया। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पहले लोकसभा को लिखित उत्तर में बताया था कि बैंक का एनपीए वर्ष 2010-11 में 94,084 करोड़ रुपये, वर्ष 2009.10 में 81,893 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2008.09 में 68,220 करोड़ रुपये था।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 24, 2012, 21:45