Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 18:09
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नई दिल्ली : राष्ट्रीय विमानन कम्पनी एअर इंडिया को इस बात का डर सता रहा है कि गुरुवार से उसके छह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ान बंद होने के बाद बाजार में उसकी हिस्सेदारी प्रभावित हो सकती है। एअर इंडिया के परिचालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें इस विमान से काफी फायदा मिल रहा था। अब तक उसमें किसी तरह की तकनीकी खराबी का संकेत नहीं था। अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन और फिर भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने इस विमान को सुरक्षा मानकों पर खरा माना था।
अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा मानकों पर सवाल उठने से यात्रियों में असुरक्षा की भावना आती है और इससे यात्री इस विमान में यात्रा करने से घबराने लगते हैं। अधिकारी ने कहा कि यह विमान दिल्ली-बेंगलुरू, दिल्ली-चेन्नई घरेलू मार्गो पर चल रहा था और फिर इसे दिल्ली-फ्रैंकफर्ट तथा दिल्ली पेरिस मार्गो पर उतारा गया था। इन विमानों में यात्रियों की संख्या हमेशा 75 फीसदी तक रहती थी।
अमेरिकी एजेंसी ने कहा है कि इस विशालकाय विमान की बैटरी प्रणाली में दोष है और यह काफी गर्म हो जाती है। जापान में हाल ही में घरेलू मार्ग पर उड़ने वाले एक ऐसे विमान में अग्नि संवेदक के बजने के कारण अमेरिकी एजेंसी ने इस विमान की सुरक्षा को फिर से जांचने का फैसला किया था।
इसके बाद अमेरिका ने इन विमानों की उड़ान पर रोक लगाने का फैसला किया। भारत ने भी गुरुवार को यह कदम उठाया। एयर इंडिया भारत में एकमात्र ऐसी विमानन कम्पनी है जो 787 ड्रीमलाइनर का इस्तेमाल करती है।
एयर इंडिया के अधिकारी ने कहा कि हमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से निर्देश मिले हैं कि 787 ड्रीमलाइनर के सभी उड़ानों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। अधिकारी के मुताबिक 787 ड्रीमलाइनर के चार विमान दिल्ली में और एक-एक बेंगलुरू एवं चेन्नई में रोका गया है।
एयर इंडिया ने 2006 में 27 बोइंग 787 के खरीदने का समझौता किया था और अब तक इसे छह विमान उपलब्ध हो गए हैं। एयर इंडिया को 2013 में सात, 2014 में पांच , 2015 में छह और 2016 में तीन विमान मिलने की सम्भावना है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 17, 2013, 18:09