एनएचपीसी का उत्पादन 5 से 10 प्रतिशत घटा

एनएचपीसी का उत्पादन 5 से 10 प्रतिशत घटा

एनएचपीसी का उत्पादन 5 से 10 प्रतिशत घटा
नई दिल्ली : मानसून में देरी से सार्वजनिक क्षेत्र की पनबिजली कंपनी एनएचपीसी की समस्या बढ़ गई है। देश के उत्तरी भागों में न के बराबर बारिश से पिछले 10 दिन में एनएचपीसी का उत्पादन 5 से 10 प्रतिशत घट गया। एनएचपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एबीएल श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले 10 दिन का औसत आंकड़ा बताता है कि बिजली उत्पादन में 5 से 10 प्रतिशत की कमी आयी है..जो करीब 70 से 80 लाख यूनिट रोजाना है।

एनएचपीसी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान 600 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया। यह पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के मुकाबले तीन प्रतिशत कम है। वित्त वर्ष 2011-12 की पहली तिमाही में कंपनी ने 620 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादित की थी। बहरहाल, कंपनी ने उम्मीद जतायी कि स्थिति सुधरेगी और कंपनी उत्पादन में कमी की भरपाई कर लेगी।

देश में बिजली उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता 2,00,000 मेगावाट है, इसमें एनएचपीसी का योगदान करीब 22 प्रतिशत है। इस बीच, कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में 231 मेगावाट क्षमता की चमेरा-तीन परियोजना चालू की। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इस परियोजना के चालू होने के साथ एनएचपीसी की उत्पादन क्षमता 5,526 मेगावाट हो गई है। इसमें संयुक्त उद्यम अनुषंगी एनएचडीसी की 1,520 मेगावाट की क्षमता शामिल है। चमेरा परियोजना से उत्पादित बिजली से हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों को फायदा होगा।

इसके अलावा एनएचपीसी की तीन और परियोजनाएं दिसंबर 2012 तक पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की चुतक परियोजना की दो इकाइयों को चालू करने के लिये सभी प्रयास किए जा रहे हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 5, 2012, 12:46

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