Last Updated: Friday, December 23, 2011, 13:49
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पेंशन और खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जैसे सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए आम सहमति कायम करने का प्रयास जारी है। विदेशी निवेश के फैसले को स्थगित नहीं किया है। यह बात केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कही। उन्होंने कहा कि यह सरकार की कार्यसूची में है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के इस दौर में चालू वित्त वर्ष में साढ़़े सात प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल होने पर भी वह निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं 7.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि के बारे में कहता हूं, मैं इससे निराश नहीं हूं। पिछले साल आर्थिक वृद्धि 8.5 प्रतिशत रही थी।
मुखर्जी शुक्रवार को यहां पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल की 106वीं वाषिर्क आम बैठक के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। आर्थिक सुधारों पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुये मुखर्जी ने कहा कि बहुब्रांड खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश, पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) कानून तथा नई पीढ़ी के दूसरे सुधारों को बढाने को सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए हम आमसहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुखर्जी ने कहा सरकार इन सुधारों को आगे बढ़ाना चाहती है लेकिन इन्हें पारित कराने के लिए संसद में संख्याबल की आवश्यकता है। मतदाताओं ने हमें सीमित जनादेश दिया हैं। 543 सदस्यों की लोकसभा में हमारे 208 सदस्य हैं जो कि साधारण बहुमत के 272 के आंकड़े से कम है। यह जनादेश दूसरों को साथ लेकर आगे बढ़ने का है, इस सच्चाई को हमें देखना होगा।
वित्त मंत्री ने कहा वैश्विक बाजारों में ईंधन, खाद्य पदार्थों और कुछ धातुओं के अस्थिर मूल्य और ऊंची मुद्रास्फीति घरेलू अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाल रहे हैं। स्थिति काफी जटिल है, लेकिन हम इसका मिलकर मुकाबला करेंगे और इसके लिए हमारे पास क्षमता और जुझारुपन है। विपक्ष और अपनी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस के विरोध के चलते सरकार पीएफआरडीए विधेयक संसद में पेश करने का साहस नहीं जुटा सकी। कुछ सप्ताह पहले भारी विरोध के चलते सरकार को बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के अपने फैसले को भी वापस लेना पड़ा।
वित्त मंत्री ने वित्तीय क्षेत्र के बारे में आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि भारतीय बैंकों की स्थिति मजबूत है, इसको लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। बैंकों की इक्विटी पूंजी रिजर्व बैंक के नियमों के अनुरुप बेहतर स्थिति में है। मुखर्जी ने उद्योगपतियों से भी कहा कि वह मौजूदा परिस्थितियों को लेकर निराश नहीं हों और निराशाजनक बातें भी नहीं करें। इससे स्थिति में कोई बदलाव आने वाला नहीं है। हमें स्थिति से निकलना होगा।
उन्होंने मौजूदा आर्थिक नरमी को अस्थाई दौर बताया और कहा कि मौजूदा स्थिति से हम चिंतित जरूर हैं लेकिन निराश नहीं हैं। हम इससे उबरेंगे इसमें कोई शंका नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आम जनता के सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठायें हैं।उन्होंने गांवों में आधारभूत सुविधाओं को विकसित किये जाने पर भी जोर दिया।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 24, 2011, 00:19