Last Updated: Wednesday, December 7, 2011, 08:04
दिल्ली : सरकार द्वारा खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को रोकने के फैसले को उद्योग जगत ने पीछे की ओर जाने वाला कदम करार दिया है। उद्योग मंडल फिक्की ने इस कदम को निराशाजनक और प्रतिगामी बताया है। फिक्की के अध्यक्ष हर्ष मारीवाला ने एक बयान में कहा कि सरकार का बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत तथा एकल ब्रांड में शतप्रतिशत विदेशी निवेश के फैसले को रोकने का निर्णय पीछे की ओर ले जाने वाला कदम है।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के विकास से कृषि क्षेत्र को भी मजबूत संपर्क मिलता और इससे कुल अर्थव्यवस्था को फायदा होता। इस तरह के सुधारों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस फैसले को वापस नहीं लिया गया है। हमें भरोसा है कि जल्द इस पर सहमति बनेगी। इसी तरह एसोचैम ने कहा है कि यह मौका गंवाने जैसा है।
एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने कहा कि इससे विदेशी निवेशकों को नकारात्मक संदेश जाएगा। रावत ने कहा कि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के फैसले से तीन साल में एक करोड़ रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे कृषि उपज की बर्बादी रुकेगी और किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकेगा।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 7, 2011, 15:35