एम्‍मी अवॉर्ड ज़ी परिवार को समर्पित: सुभाष चन्द्रा - Zee News हिंदी

एम्‍मी अवॉर्ड ज़ी परिवार को समर्पित: सुभाष चन्द्रा

 

भारतीय सेटेलाइट टीवी के जनक और ज़ी नेटवर्क समूह के संस्थापक एवं चेयरमैन श्री सुभाष चंद्रा का मानना है कि ब्रॉडकास्‍ट इंडस्‍ट्री में अभी काफी कंसोलिडेशन होना बाकी है। श्री सुभाष चंद्रा को इसी हफ्ते 2011 के इंटरनेशनल एम्‍मी डायरेक्टरेट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। भारतीय टेलीविजन जगत में उनके उल्‍लेखनीय योगदान के लिए उन्‍हें यह सम्‍मान दिया गया। इंटरनेशनल डायरेक्‍टरेट एम्मी अवॉर्ड से सम्‍मानित होने वाले पहले भारतीय के तौर पर उन्‍होंने इतिहास भी रचा।  टीवी इंडस्‍ट्री के ऑस्‍कर कहे जाने वाले प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने के बाद श्री सुभाष चंद्रा ने ज़ी बिजनेस संवाददाता अमीष देवगुन से खास बातचीत में अपनी यादगार यात्रा के बारे में जिक्र किया, पेश है उसके प्रमुख अंश-

 

सवाल : यह सम्मान आपके लिए क्या मायने रखता है?

जवाब : ऐसा लग रहा है कि वर्षों की गई मेहनत के बाद जो कुछ पाया वो उम्मीद से ज्यादा है। 20 साल पहले ये सफर शुरू किया था और आज ये सब हासिल कर बेहद सुकुन का अनुभव कर रहा हूं। ये अवॉर्ड सिर्फ मेरा ही नहीं, बल्कि हमारे पूरे ज़ी समूह परिवार का, हमारे देश की मीडिया, मनोरंजन और प्रसारण कम्पनियों का है। अन्तर्राष्ट्रीय एम्मी अवॉर्ड अमेरिका से बाहर के देशों में टीवी प्रोग्रामिंग में एक्सीलेंसी के लिए दिया जाता है। मुझे विश्वास है कि यह अवॉर्ड पूरी दुनिया को समझने के लिए काफी होगा कि भारतीय मीडिया कितनी अच्छी गुणवत्ता वाले कार्यक्रमों को बनाता है।

 

सवाल : क्या ये संयोग नहीं कि ज़ी न्यूज अगले साल अपने 20 साल पूरे कर रहा है?

जवाब : आप इसे संयोग या कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अगर आप कुछ अच्छा करते हैं तो कभी न कभी कोई न कोई तो उसकी कद्र जरूर करता है।

 

सवाल : दर्शक जानना चाहते हैं कि सेटेलाइट चैनल खोलने का विचार मन में कैसे आया?

जवाब : मुझसे ये सवाल बार-बार पूछा जाता है। मुझे लगता है कि इस बार यही सवाल हमें अपने दर्शकों से पूछना चाहिए। एक वक्त ऐसा था कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था। तव केवल दूरदर्शन था। लेकिन आज उनके पास 200 से 300 चैनलों का विकल्प है। ज़ी नेटवर्क ने इस ट्रेंड की शुरुआत की और सबने उसका अनुसरण किया। ऐसा लगता है कि लोग इसे पसंद कर रहे हैं और उन्हें देखकर मैं भी खुश हूं।

 

सवाल : इस यात्रा में आपने क्या सीखा?

जवाब : कई मुश्किलें आईं और मैंने उससे मुकाबला करना सीखा। एक तरीके से मैंने मुश्किलों से बहुत कुछ सीखा। मुझे लगता है कि मैं आज भी सीख रहा हूं।

 

सवाल : देश के युवाओं को क्या सलाह देना चाहेंगे?

जवाब : युवाओं से मैं अक्सर कहता हूं, वो जो भी करें पूरे जोश के साथ करें। अपने जुनून के साथ काम करें, खाएं, पीएं और मौज-मस्ती से जीवन को पूरी तरह से जीएं। सफलता जरूर एक दिन मिलेगी।

 

सवाल : आने वाले समय में भारतीय टीवी इंडस्ट्री का आप कैसा प्रारूप देखते हैं?

जवाब : भारतीय टीवी इंडस्ट्री इन दिनों बेहद अव्यवस्थित दौर से गुजर रहा है। बेहद अस्थिरता के हालात हैं। बीते छह महीनों से इसे सुदृढ़ करने पर जोर दिया जा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में इतने चैनल नहीं हैं जितना भारत में। कई सेटेलाइट स्टेशन बंदी के कगार पर हैं। मुझे लगता है कि कंसोलीडेशन दौर जल्दी आएगा। दरअसल हमारे पास अच्छी प्रोग्रामिंग का स्कोप ही नहीं है। विज्ञापन से मिलने वाले राजस्व से खर्चा नहीं निकल पाता है। इसके लिए हमें सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू चाहिए जिसके लिए नियंत्रकों ने सीमा निर्धारित कर दी है। इस वजह से हम केबल ऑपरेटरों से ज्यादा सब्सक्रिप्शन मनी नहीं ले सकते। ये विगत सात-आठ साल से चल रहा है। कई साल से यह अस्थिरता बनी हुई है। जब तक सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू को सही नहीं किया जाएगा तब तक प्रोग्रामिंग की गुणवत्ता नहीं सुधरेगी और ये इंडस्ट्री प्रोग्रेस नहीं कर पाएगी।

 

सवाल : आपको भारतीय टीवी जगत का पितामाह भी कहा जाता है, आपको लगता है कि आने वाले समय में डिजिटलीकरण एक महत्वपूर्ण चरण होगा?

जवाब : डिजिटलीकरण एक महत्वपूर्ण कदम होगा। बहुत सारी चीजें सुधरेंगी। घर बैठे लोगों के लिए टीवी देखना अब अधिक वास्तविक अनुभव होगा और लोगों को अधिक चैनल देखने का विकल्प भी मिलेगा। अभी जो लोग केबल पर 50-60 चैनल देख पाते हैं उनके लिए अधिक चैनल की सुविधा भी मिलेंगी।

 

सवाल : ज़ी ग्रुप ने हाल ही में अमेरिका के वेरिया टीवी में 250 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसके पीछे क्या विचार है?

जवाब : इस फंड को वहां लगाना ज़ी ग्रुप के सरगम को विदेशों में बढ़ाने की एक योजना है। हम लोग अमेरिका के मुख्य दर्शकों को अपनी सेवा देना चाहते हैं, इनके अलावा दक्षिण एशियाई दर्शक व अन्य अंग्रजी बोलने वाले लोगों को भी यह सेवा मिलेगी। हमारा कार्यक्रम पूरे वैश्विक दर्शकों के लिए होगा। हमारे पास लाईफस्टाइल, स्वस्थ्य जीवन पर आधारित कार्यक्रम हैं। भविष्य में ऐसे कार्यक्रम भारत में भी बनाए जा सकते हैं। सभी चीजों को ध्यान में रखकर फंड भी सेट कर दिया गया है।

 

सवाल : सके लिए आप किस तरह की समय सीमा देख रहे हैं?

उत्तर : मैं इसके लिए आपको कोई खास समय सीमा नहीं दे सकता। लेकिन यह निश्चित रूप से एक नई शुरुआत होने जा रही है। पहले हमने सिर्फ भारत से बाहर रह रहे भारतीयों के लिए कार्यक्रम बनाया, लेकिन अब हम संपूर्ण विश्व के लिए यह करना चाहते हैं।

 

सवाल : मीडिया के अलावा आप विकास की गुंजाइश कहां देखते हैं?

जवाब : मीडिया के अलावा हम बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम कर रहे हैं। मुझे लगता है भारत में काफी क्षमता है और भारत अधिक विकसित होगा।

 

सवाल : क्या आप वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में कुछ कहना चाहेंग?

जवाब : अभी वर्तमान में आर्थिक परिदृश्य भारत के लिए बहुत उत्साहवर्धक नहीं है, और इसलिए पूरी दुनिया के लिए भी यह बहुत सकारात्मक नहीं है। लेकिन मुझे लगता है कि किसी तरह हमने नेतृत्व लेने का एक मौका छोड़ दिया। जब पूरे वैश्विक का अर्थव्यवस्था सुस्त था, तब हम यह पा सकते थे। लेकिन दुर्भाग्यवश हम यह नहीं कर पाए।

 

सवाल : आप यह एम्मी अवार्ड किसको समर्पित करना चाहेंगे?

जवाब : मैं यह एम्मी अवार्ड समस्त ज़ी परिवार को समर्पित करना चाहता हूं, ज़ी मनोरंजन और मीडिया में काम करते वाले लोगों के लिए और उन सभी के लिए जो देश से बाहर ज़ी के लिए काम कर रहे हैं। यह सम्मान पूरे ग्रुप के लिए है।

 

 

First Published: Sunday, November 27, 2011, 14:30

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