Last Updated: Saturday, November 26, 2011, 08:15
नई दिल्ली: भारतीय विमानन कंपनियों के मालिकों और शीर्ष अधिकारियों ने नगद की तंगी का सामना कर रहे उड्डयन उद्योग को सरकारी सहायता दिलाने और जेट इंधन पर लगने वाले कर को तर्कसंगत बनाने की मांग को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
करीब घंटे भर चली बैठक में जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश गोयल, इंडिगो के प्रोमोटर राहुल भाटिया, स्पाइस जेट के सीईओ नील मिल और गो एयर के मालिक जेह वाडिया शामिल थे।
भारतीय विमानन कंपनियों में विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए विमानन नीति में बदलाव की कुछ कंपनियों की मांग के आलोक में यह बैठक हुई है।
बैठक से पहले, नागर विमानन मंत्री व्यालार रवि ने शुक्रवार को कहा था कि देश में विमानन क्षेत्र नुकसान में जा रहा है जो समस्या का कारण है।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री इसको लेकर चिंतित हैं, यह देश के विकास में सहयोग देने वाला, संपर्क का बड़ा साधन है ।’
विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़े एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि संसद का सत्र चालू है और वह इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं कर सकते ।
प्रधानमंत्री ने 12 नवंबर को कहा था कि सरकार निजी विमानन कंपनियों को सहायता करने के लिए ‘रास्ते और तरीके’ ढूंढेगी।
सिंह ने कहा था कि विमानन कंपनियों का प्रबंधन प्रभावी ढंग से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘लेकिन अगर वे मुश्किलों में हैं तो हमें उन्हें बाहर निकालने के रास्ते और तरीके ढूंढने होंगे ।’
किंगफिशर प्रमुख विजय माल्या ने सवाल उठाया था कि क्या नुकसानदेह मार्गों पर विमान उड़ाना उनके एयरलाइन की जिम्मेदारी है । इस निजी विमानन कंपनी द्वारा सैंकड़ों उड़ानें रद्द कर दिए जाने से हजारों यात्री प्रभावित हुए थे।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, November 26, 2011, 13:48