Last Updated: Friday, May 11, 2012, 08:57
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने सरकार से 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी करने के संबंध में आरोप तय करने को लेकर अपना आदेश शुक्रवार को 25 मई तक सुरक्षित रखा लिया।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने आरोप तय करने के संबंध में सुनवाई खत्म करने के बाद कहा कि 25 मई तक के लिए आदेश सुरक्षित रखा जाता है। सभी पांच आरोपी 25 मई को अदालत में व्यक्तिगत तौर पर मौजूद रहेंगे। इस मामले में जिन पांच व्यक्तियों पर धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र का मामला चल रहा है उनमें एस्सार समूह के प्रवर्तक रवि रुईया व अंशुमान रुईया और लूप टेलीकाम के प्रवर्तक आईपी खेतान व किरण खेतान और एस्सार समूह के निदेशक (रणनीति एवं योजना) विकास सर्राफ शामिल हैं।
सीबीआई ने 12 दिसंबर को दायर अपने आरोप पत्र में कहा कि इन पांच के अलावा तीन कंपनियां लूप टेलीकाम प्राइवेट लिमिटेड, लूप मोबाइल इंडिया लिमिटेड और एस्सार टेलीहोल्डिंग्स लिमिटेड भी इस मामले में आरोपी हैं। इन आरेप के संबंध में सीबीआई के वकील एके सिंह ने कहा कि लूप टेलीकाम ने दूरसंचार विभाग के साथ ‘छुपा-छुपी’ का खेल खेला और एस्सार समूह के साथ अपने संबंध की सूचना पर पर्दा डाला।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 11, 2012, 14:27