Last Updated: Monday, September 30, 2013, 00:13

नई दिल्ली : योजना आयोग 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) में औसत वृद्धि दर के लक्ष्य को 8 से घटाकर 6 से 6.5 प्रतिशत कर सकता है। आयोग के अपनी पंचवर्षीय योजना के दस्तावेज की मध्यावधि समीक्षा में वृद्धि दर के लक्ष्य को कम किया जा सकता है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से 12वीं योजना में 8 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर हासिल करना कठिन है। आयोग इस लक्ष्य को उल्लेखनीय रूप घटाकर 6 प्रतिशत कर सकता है।’ आमतौर पर आयोग योजनावधि के तीसरे वित्त वर्ष में मध्यावधि समीक्षा लेकर आता है। अपनी पिछली मध्यावधि समीक्षा में आयोग ने 11वीं योजना 2007-12 के लिए औसत वृद्धि दर के लक्ष्य को 9 से घटाकर 8.2 प्रतिशत किया था। हालांकि, 11वीं योजना में औसत 8 फीसद की ही सालाना वृद्धि दर हासिल हो पाई।
सुस्ती की मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था 12वीं योजनावधि के पहले साल में सिर्फ 5 फीसद की दर से ही बढ़ पाई है। इस साल भी वृद्धि दर स्थिर रहने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आर्थिक वृद्धि दर इससे पिछले तिमाही :जनवरी-मार्च: के 4.8 प्रतिशत से घटकर 4.4 प्रतिशत रह गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि योजनावधि के पहले दो साल में वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहती है, तो 8 फीसदी की लक्षित वृद्धि दर हासिल करने के लिए शेष तीन वित्त वषरें में 10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी हो, जो संभव नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 30, 2013, 00:13