Last Updated: Sunday, January 8, 2012, 11:18
नई दिल्ली : देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह उतार-चढ़ाव के बीच तेजी की घारणा बने रहने की उम्मीद है पर वास्तविक स्थिति बहुत कुछ प्रमुख कंपनियों की तिमाही वित्तीय रिपोर्टों पर निर्भर करेगी। आईटी कंपनी इंफोसिस की तीसरी तिमाही की वित्तीय रिपोर्ट 12 जनवरी को घोषित की जाने वाली है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार सप्ताह के दौरान बाजार इस उम्मीद में कुछ जोर पकड़ सकता है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति का दबाव कम होने के मद्देनजर आने वाले दिनों में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा के लिए रिजर्व बैंक की बैठक 24 जनवरी को होने वाली है। चालू सप्ताह के दौरान नवंबर,11 के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी जारी किए जाने है। इनका शेयर बाजार में निवेशकों की धारणा पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
बाजार के जानकार लोगों के अनुसार शेयर कारोबारी घरेलू कंपनियों के तिमाही परिणामों को ले कर खास उत्साह नहीं है। उनका लगता है इनसे कुल मिला कर बाजार को निराशा ही मिलेगी। कारण यह है कि कंपनियों को आर्थिक नरमी और महंगे कर्ज का भार झेलना पड़ रहा है।
एडेलविस सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों की वित्तवर्ष 2011-12 की तीसरी तिमाही की वित्तीय रिपोर्ट कमजोर रहने की संभावना व्यक्त की गई है। फर्म का अनुमान है कि बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में शामिल कंपनियों के शुद्ध लाभ में एक साल पहले से हद से हद 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसने कहा है कि आईटी, उपभोक्ता माल, फार्मा एवं सीमेंट क्षेत्र की कंपनियों के कारोबार में अच्छी वृद्धि होने की उम्मीद है पर धातु, निर्माण और रीअल इस्टेट क्षेत्र में आय की वृद्धि दर कम रहेगी।
इंफोसिस और एचडीएफसी अपने तिमाही कार्यपरिणाम 12 जनवरी को घोषित करेंगे। औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी उसी दिन आने वाले हैं। तीसरी तिमाही के कार्यपरिणामों के बारे में बाजार की उम्मीदों के बारे में एक विशेषज्ञ ने कहा, इनसे बाजार पर सकारात्मक के बजाय नकारत्मक प्रभाव के ही आसार हैं। रुपए में गिरावट के मद्देनजर उन कंपनियों को खासी परेशानी हो रही है जिन्होंने बड़ी मात्रा में विदेशी कर्ज ले रखा है।
लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि रुपए में गिरावट के चलते साफ्टवेयर निर्यातकों के तिमाही नतीजों से बाजार में कुछ खुशी हो सकती है। एंजल ब्रोकिंग ने एक रिपोर्ट में कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से आईटी कंपनियों को मिलने की उम्मीद है।
इस बीच अमेरिका के श्रम बाजार में सुधार को देखते हुए सोमवार को बाजार तेजी की धारणा के साथ खुल सकते है। अमेरिका में दिसंबर के महीने में रोजगार के दो लाख नए अवसर उत्पन्न हुए तथा वहां बेरोजगारी दर घटकर 8.5 प्रतिशत रह गई। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 8, 2012, 17:30