Last Updated: Monday, May 7, 2012, 16:16
नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इस बात का खंडन किया है कि उसकी 11,000 करोड़ रुपये के कर विवाद में वोडाफोन के साथ किसी तरह की बातचीत हो रही है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब संसद में वित्त विधेयक पारित होने के बाद देगी।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सरकार किस तरह वोडाफोन से बात कर सकती है। वोडाफोन ने पिछले महीने सरकार को नोटिस भेजकर कर विवाद मामले को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में ले जाने की धमकी दी थी। भारत और नीदरलैंड के बीच निवेश संधि लागू करते हुए कंपनी ने आरोप लगाया था कि पिछली तारीख से कर कानून में संशोधन के प्रस्ताव से वोडाफोन और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारत में मिले अंतरराष्ट्रीय कानूनी संरक्षण का उल्लंघन होता है।
सरकार ने वोडाफोन नोटिस का जवाब देने के लिए वित्त सचिव आर एस गुजराल की अगुवाई में अंतर मंत्रालयी समूह गठित किया है। लोकसभा में आज वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बयान का उल्लेख करते हुए अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्री के वक्तव्य के बाद वोडाफोन मसले पर कुछ नहीं बदला है।
मुखर्जी ने कहा कि कर कानून में पिछली तिथि से संशोधन भारत में मौजूद परिसंपत्तियों के विदेशों में हुए अप्रत्यक्ष सौदों पर हुए पूंजीगत लाभ पर कर लगाने से ऐसे सौदे प्रभावित होंगे जिनका क्रियान्वयन कम कर या शून्य कर देशों में हुआ है और जिनके साथ भारत का दोहरा कर बचाव करार (डीटीएए) नहीं है। ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी ने 2007 में हचिसन एस्सार की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 11.2 अरब डालर का सौदा केमन आइलैंड में किया था। भारत का केमन आइलैंड के साथ डीटीएए नहीं है और साथ ही उसके साथ ऐसा करार करने का इरादा भी नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, May 7, 2012, 21:46