Last Updated: Saturday, January 12, 2013, 14:26

लखनऊ : संगम नगरी इलाहाबाद में इस महीने शुरू होने वाला महाकुंभ सिर्फ आस्था का ही मेला नहीं बल्कि व्यावसायिक गतिविधियों का महामेला भी साबित हो सकता है। इसके आयोजन से राज्य में करीब 12 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होने की सम्भावना है। उद्योग मंडल ‘एसोचैम’ के अध्ययन में यह अनुमान व्यक्त किया गया है।
एसोचैम के ‘महाकुम्भ मेला 2013- उत्तर प्रदेश के लिए सम्भावित राजस्व अर्जन स्रोत’ विषयक अनुमान पत्र के मुताबिक कुम्भ मेले के जरिए विमानन, विमान पत्तन, होटल, टूर आपरेटर, चिकित्सा तथा इको-पर्यटन जैसे क्षेत्र में करीब छह लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा उन्नयन एवं निर्माण क्षेत्र में कुशल एवं अकुशल कार्यबल तथा टैक्सी ड्राइवर, टूरिस्ट गाइड जैसे असंगठित क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
आकलन पत्र के अनुसार कुम्भ मेले के दौरान मुख्य रूप से आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, मारीशस, जिम्बाब्वे तथा श्रीलंका से करीब 10 लाख पर्यटकों के आने की सम्भावना है।
एसोचैम महासचिव डी. एस. रावत ने बताया कि कुम्भ मेले के दौरान होटल उद्योग में करीब 25 प्रतिशत तेजी आएगी और 20 से 30 दिन तक विदेशी पर्यटकों के होटलों में ठहरने से ढाई लाख से ज्यादा कुशल तथा अकुशल कामगारों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने बताया कि महाकुम्भ के दौरान उत्तर प्रदेश पर्यटन, निजी अस्पताल, व्यवसायी, रेल विभाग तथा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को आकषर्क टूर पैकेज तथा चिकित्सा पर्यटन से 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होने की सम्भावना है।
रावत ने बताया कि महाकुम्भ में दो महीने के अंदर कुल व्यवसाय 12 से 15 हजार करोड़ रुपए होने का अनुमान है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 12, 2013, 14:26