Last Updated: Wednesday, January 16, 2013, 14:16

नई दिल्ली: संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस अपनी बहाली योजनाओं पर डीजीसीए को राजी करने का बुधवार को और एक प्रयास किया, लेकिन कंपनी योजनाओं के वित्त पोषण पर किसी तरह का ब्यौरा उपलब्ध कराने में विफल रही।
किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल ने यहां नागर विमानन महानिदेशक अरुण मिश्रा के साथ पौने एक घंटे चली बैठक में उन्हें किंगफिशर के समक्ष मौजूद परिदृश्य से अवगत कराया, लेकिन सूत्रों ने कहा कि बहाली योजना के वित्त पोषण पर मूल कंपनी यूबी ग्रुप द्वारा किसी तरह की प्रतिबद्धता के बारे में अग्रवाल ने कोई सूचना नहीं दी।
सूत्रों ने कहा कि अग्रवाल ने नियामक को बताया कि विमानन कंपनी ग्रीष्मकालीन समय सारणी के साथ परिचालन शुरू करने को तैयार है।
यद्यपि कंपनी को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) समेत किसी भी हवाईअड्डा परिचालक से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है, अग्रवाल ने दावा किया कुछ तेल कंपनियों और विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों ने किंगफिशर को आगे बढ़ने की हरी झंडी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार की बैठक से कुछ दिन बाद बैंकों का कंसोर्टियम बैठक करने जा रहा है जिसमें किंगफिशर के संबंध में ठोस कदम उठाए जाने की संभावना है। एसबीआई की अगुवाई में इन बैंकों ने कंपनी को 7,500 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दे रखा है।
किंगफिशर एयरलाइन्स का कंपनी का लाइसेंस 31 दिसंबर 2012 को रद्द हो गया और उसका परिचालन अक्तूबर से बंद है। कर्मचारियों को पिछले आठ महीने से वेतन नहीं मिला है और अब विमानन कंपनी के पायलटों ने अगले सप्ताह भूख हड़ताल का निर्णय किया है।
First Published: Wednesday, January 16, 2013, 14:16