Last Updated: Wednesday, October 24, 2012, 19:27

मुंबई/ नई दिल्ली: किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों ने प्रबंधन की ताजा पेशकश को खारिज कर दिया और कुल बकाया वेतन में शुक्रवार से पहले एक मुश्त चार महीने की तनख्वाह देने की मांग की।
एयरलाइन कर्मचारी सुभाष चंद्र मिश्र ने कहा, ‘मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय अग्रवाल का दावा पूरी तरह गलत है। सचाई यह है कि 90 प्रतिशत कर्मचारियों ने कंपनी की पेशकश ठुकरा दी है। हम 26 अक्तूबर तक चार महीने का वेतन देने की अपनी मांग पर कायम हैं।’ मिश्र दिल्ली में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने कंपनी के सीईओ के उस दावे को खारिज कर दिया कि अधिकतर कर्मचारी 26 अक्तूबर से पहले काम शुरू करने पर सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘जब दिल्ली, बेंगलूर तथा चेन्नई के कर्मचारियों ने प्रबंधन की पेशकश सिरे से ठुकरा दी तो वह कैसे दावा कर सकते हैं कि अधिकतर कर्मचरी काम पर लौटने को लेकर सहमति जतायी है।’
तीन महीने का वेतन देने को लेकर अग्रवाल द्वारा कर्मचारियों को लिखे मेल पर प्रतिक्रिया देते हुए एयरलाइन के दिल्ली स्थित इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों ने पत्र लिखकर प्रबंधन से मार्च 2012 से लेकर जून 2012 तक का वेतन 26 अक्तूबर तक देने को कहा है।
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण किंगफिशर सितंबर से उड़ानों का परिचालन नहीं कर पा रही है। इसके कारण कंपनी में तालाबंदी है। इसके फलस्वरूप विमानन नियामक डीजीसीए ने कंपनी का लाइसेंस निलंबित कर दिया।
कर्मचारी सात महीने से बकाया वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इसको लेकर आगामी फार्मूला वन मोटर रेस के दौरान विरोध प्रदर्शन की योजना बनायी हैं फार्मूला वन में किंगफिशर के प्रवर्तक विजय माल्या भी शामिल हैं। इससे पहले, संजय अग्रवाल ने कहा था, ‘हमें कई पत्र मिले हैं जिसमें आंशिक तालाबंदी के दौरान वेतन की स्थिति के बारे में पूछा गया है।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे बताने में खुशी हो रही है कि कंपनी सभी कर्मचारियों को अक्तूबर का वेतन इस वर्ष क्रिसमस से पहले दे देगी।’
अग्रवाल ने इस बात से इनकार किया कि कर्मचारियों का बड़ा तबका कंपनी की पूर्व में की गयी पेशकश के खिलाफ है। उन्होंने दावा किया कि अधिकतर कर्मचारी ने 26 अक्तूबर से कामकाज शुरू किये जाने की खबर दी है। ‘हम शेष कर्मचारियों से कामकाज शुरू करने के बारे पुष्टि यथाशीघ्र करने का अनुरोध करते हैं।’ इस मेल के जवाब के कर्मचारियों ने प्रबंधन से कहा है, ‘हम तीन महीने का वेतन देने की पेशकश को ठुकरा रहे हैं। आपने विश्वास खो दिया है।’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 24, 2012, 19:27