Last Updated: Tuesday, October 2, 2012, 09:41

ज़ी न्यूज ब्यूरो
मुंबई : किंगफिशर एयरलाइंस के तत्काल प्रभाव से आंशिक तालाबंदी की घोषणा करने के बाद मंगलवार को तकरीबन सभी उड़ानें रद्द हो गई, जिसके चलते मुसाफिर बेहाल हो गए। जिन यात्रियों ने पहले से टिकट बुक करवा रखी थी, उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। गुरुवार तक सभी उड़ानों का संचालन निलंबित कर दिया गया है। पायलट और इंजीनियर्स अपनी मांग पर अड़े हैं।
गौर हो कि किंगफिशर के कर्मचारियों के एक वर्ग की हड़ताल के बाद यह फैसला किया गया है। विजय माल्या के स्वामित्व वाली निजी एयरलाइन ने एक बयान में कहा है कि कुछ कर्मचारियों की हिंसा, आपराधिक धमकी, हमले और काम पर आने वालों को रोके जाने सहित अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के चलते वह आंशिक तालाबंदी की घोषणा करने के लिए बाध्य हुई है।
एयरलाइन ने कहा कि मनमानी करने वाले कर्मचारियों ने कानून को अपने हाथों में लिया और उड़ानों का परिचालन पूरी तरह ठप कर दिया। उनकी यह कार्रवाई अवांछित और बेवजह थी। बयान में आगे कहा गया है कि यह तय किया गया है कि सभी उड़ानों का परिचालन अगले तीन दिन, चार अक्तूबर 2012 तक रोक दिया जाए। विमानों का परिचालन आज उस समय पूरी तरह ठप हो गया, जब पायलटों और कुछ अन्य कर्मचारी इंजीनियरों की हड़ताल में शामिल हो गए। ये इंजीनियर पिछले छह माह से वेतन न मिलने की वजह से हड़ताल कर रहे हैं। इस हड़ताल के कारण एयरलाइन के शेयरों में पांच फीसदी की गिरावट आ गई।
कानूनी कार्रवाई शुरू करने से पहले एयरलाइन ने कहा कि वह हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को डराने धमकाने की गतिविधियों से अलग रहने के लिए लगातार समझाने का प्रयास करेगी। इससे पहले दिन में प्रबंधन ने एक माह के वेतन के लिए भी धन के अभाव का हवाला देते हुए अस्थायी तौर पर बंद की चेतावनी दी थी।ड़ताली इंजीनियरों के एक प्रतिनिधि ने बताया कि हमने बहुत देर तक सीईओ के साथ बैठक की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, बल्कि उन्होंने अस्थायी तालाबंदी की धमकी देते हुए कहा कि एयरलाइन के पास तो एक माह का वेतन देने के लिए भी धन नहीं है।
बताया जाता है कि इंजीनियरों के हड़ताल पर जाने के साथ ही किंगफिशर ने प्रमाणन के लिए अपने विमानों की जांच की खातिर कथित तौर पर एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों से संपर्क किया। इससे पहले दिन में नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि हम किंगफिशर को उनके विमानों के प्रमाणन के बिना उड़ान भरने की अनुमति नहीं दे सकते। उनके इंजीनियर हड़ताल पर हैं इसलिए वह अन्य इंजीनियरों से प्रमाणित विमान ले सकते हैं। बहरहाल, मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर डीजीसीए यह पाता है कि किंगफिशर अपनी समय सारणी का पालन नहीं कर रहा है या सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रहा है तो कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इस एयरलाइन के विमानों की उड़ानें सोमवार को भी बंद रहीं क्योंकि इसके ज्यादातर पायलट और इंजीनियर हड़ताल पर हैं जिन्हें छह माह से वेतन नहीं मिला है।
First Published: Tuesday, October 2, 2012, 09:41