Last Updated: Monday, May 6, 2013, 20:29

नई दिल्ली : निजी क्षेत्र की संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को रिण देने वाले बैंकों के समूह ने कंपनी की परिसंपत्तियां बेचकर 800 से 1,000 करोड़ रपये वसूले हैं। अब बैंक किंगफिशर से शेष बकाया निकलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने आज यहां कहा, ‘‘किंगफिशर से रिण वसूली जारी है। बैंकांे ने 800 से 1,000 करोड़ रपये वसूले हैं।’’ एसबीआई की अगुवाई वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम को किंगफिशर से 7,000 करोड़ रपये का बकाया वसूलना है। समूह के पास यूनाइटेड स्प्रिट्स के शेयर रेहन के तौर पर रखे हुए हैं। इनसे 500 करोड़ रपये तक की वसूली हो सकती है। इसके अलावा बैंकों के पास किंगफिशर ब्रांड सिक्योरिटी के रूप में है।
इसके अलावा कंसोर्टियम के पास श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस के पास मौजूद प्रतिभूतियों का बाकी अधिकार है, जो 500 करोड़ रपये बैठता है। श्रेई ने इसे पिछले साल अप्रैल में आईसीआईसीआई बैंक से खरीदा था। विजय माल्या की अगुवाई वाली एयरलाइंस पर सबसे ज्यादा 1,600 करोड़ रपये का बकाया एसबीआई का है। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक का 800 करोड़ रपये, आईडीबीआई का 800 करोड़ रपये, बैंक आफ इंडिया का 650 करोड़ रपये और बैंक आफ बड़ौदा का 550 करोड़ रपये का बकाया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 6, 2013, 20:29