Last Updated: Monday, February 20, 2012, 17:53
नई दिल्ली : संकटग्रस्त किंगफिशर एयरलाइन्स के प्रवर्तक विजय माल्या ने सोमवार को कहा कि वह कंपनी बंद नहीं करेंगे। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी द्वारा बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करने और फिर पायलटों के इस्तीफे के बाद पैदा हुए संकट के बीच अपनी प्रथम सार्वजनिक प्रतिक्रिया में माल्या ने कहा, इसे बंद करना विकल्प नहीं है। ऐसा नहीं होगा। सरकार नहीं चाहती कि ऐसा हो। यह राष्ट्र हित में नहीं है।
उन्होंने साफ किया कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने सरकार से कभी भी संकट से उबारने के पैकेज की मांग नहीं की। उन्होंने कहा, जितने लंबे समय तक हमें मदद मिलती है, हम इसे क्यों छोड़ें। मदद बेलआउट नहीं है। हमने बैंकों को और कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा है।
मदद लेने के संदर्भ में माल्या ने विमानन कंपनियों को विमान ईंधन का सीधा आयात करने के सरकार के निर्णय और घरेलू विमानन कंपनियों में विदेशी विमानन कंपनियों को हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने की ओर इशारा किया। माल्या ने दावा किया कि बेलआउट (संकट से बाहर निकालने) का संपूर्ण मुद्दा, मीडिया द्वारा रचा गया मुद्दा है।
किंगफिशर की उड़ानें रद्द होने के बारे में पूछे जाने पर यूबी समूह के प्रमुख ने कहा कि बकाया कर की अदायगी नहीं किए जाने को लेकर आयकर अधिकारियों द्वारा कंपनी के बैंक खातों पर ‘यकायक’ रोक लगा दी गई। मैं इस बात से इनकार नहीं करता कि हमारे उपर कर बकाया है. हमने इसकी अदायगी के लिए समय मांगा है।
माल्या ने कहा कि किंगफिशर की वित्तीय तंगी विमानन उद्योग की मौजूदा स्थिति की झलक है। हमें प्रतिदिन भुगतान करना होता है। ये भुगतान कल-पुर्जे, सीमा शुल्क, ईंधन बकाए, हवाईअड्डा शुल्क बकाए के लिए किए जाते हैं। इसलिए बैंक खाता चालू रखना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, हमारे खातों पर से रोक हटाई जानी चाहिए ताकि हम सामान्य ढंग से परिचालन जारी रख सकें। हमारे खातों में पैसा है और यह पैसा आ रहा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 20, 2012, 23:23