`किराया कम होने से सस्ता होगा हवाई सफर`

`किराया कम होने से सस्ता होगा हवाई सफर`

`किराया कम होने से सस्ता होगा हवाई सफर`नई दिल्ली: देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में कई सुधार करने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह को आशा है कि जैसे ही सरकार विमान ईंधन (एटीएफ) को अधिसूचित उत्पादों की सूची में शामिल करेगी, विमान ईंधन का मूल्य और विमान का किराया दोनों कम हो जाएंगे। अधिसूचित उत्पादों में शामिल होने से एटीएफ पर लगाए जाने वाले बिक्री कर में कटौती होगी।

सिंह ने कहा कि मुझे आशा है कि एटीएफ को सूची में शामिल किया जा सकता है। इस मंत्रालय ने अन्य मंत्रालयों के सामने यह मुद्दा उठाया है और इस पर चर्चा भी की है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हम इसमें सफल रहेंगे। हमने राज्य के मुख्यमंत्रियों को भी एटीएफ पर बिक्री कर कम करने का अनुरोध किया है, ताकि उनके शहरों में अधिकाधिक उड़ानों का संचालन हो और किराया इतना कम हो, जो विमानन कम्पनी और यात्री दोनों के लिए बेहतर हो।

सुधारवादी कदम से जहां विमानन कम्पनियां अपनी लागत घटा पाएंगी, वहीं उनके यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी, क्योंकि घरेलू विमानन कम्पनियों का किराया भी कम हो सकता है। अभी विमानन कम्पनियों को अपने संचालन का आधा खर्च ईंधन पर ही करना पड़ता है। इससे यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। राज्य जहां विमानन ईंधन पर काफी ऊंचा कर लगा रहे हैं, वहीं ईंधन का मूल्य समय-समय पर बढ़ने के कारण किराया बढ़ता जा रहा है।

अधिसूचित उत्पाद के रूप में सूचीबद्ध होने के बाद या केंद्रीय बिक्री (सीएसटी) अधिनियम के तहत घोषित होने के बाद विमानन कम्पनियां सिर्फ चार फीसदी बिक्री कर अदा करेंगी। इसके बाद तेल मंत्रालय का नियामक कीमत तय करने की स्थिति में होगा। उद्योग के जानकारों का मानना है कि इससे किराया काफी घटेगा।

राज्यों द्वारा लगाए जाने वाले 4-34 फीसदी बिक्री कर के कारण अभी देश में विमानन ईंधन बैंकाक, सिंगापुर या दुबई जैसी जगहों के मुकाबले 50-60 फीसदी महंगा है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 30, 2013, 19:28

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