कैग सरकार विरोधी संस्था नहीं : राय

कैग सरकार विरोधी संस्था नहीं : राय

कैग सरकार विरोधी संस्था नहीं : रायनई दिल्ली : सरकार के निर्णयों पर हाल की कुछ ऑडिट रपटों को लेकर चर्चा के केंद्र में चल रहे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय ने मंगलवार को कहा कि उनका संगठन सरकार का विरोधी या केवल सरकार में दोष निकालने वाला निकाय नहीं है बल्कि बिना भय या पक्षपात के सरकार को ईमानदारी के साथ वस्तुनिष्ठ जानकारी देने वाली संस्था है।

वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ आज यहां महालेखाकारों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए रॉय ने कहा, लेखापरीक्षक कोई वैरी नहीं हैं और न ही यह मात्र दोष निकालने वाली व्यवस्था है। हम अपने आप को भय और पक्षपात से मुक्त हो कर सरकार को वस्तुनिष्ठ और संतुलित सुझाव देने वाला संगठन मानते हैं।
कैग राय की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब उसकी कोयला ब्लॉक आवंटन और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन रिपोर्ट पर सरकार ने उसकी आलोचना की है।

चिदंबरम ने अपने इसी सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि सरकार कैग के साथ मिल कर काम करना चाहती है और दोनों के बीच वैर की धारणा को खत्म करना चाहती है। उन्होंने माना कि ‘कुछ गूढ़कारणों’ से हाल में सार्वजनिक चर्चाओं में और कैग के बीच विरोध भाव ‘अनुगूंज’ सुनाई दी।

राय ने कहा, हम एक क्षण के लिए भी यह नहीं सोचते हैं कि हमारा यह काम है कि हम सरकार को यह कहें कि सरकार को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिये। हम अपनी लेखापरीक्षा रिपोर्ट के जरिए सरकार को यह बताते हैं कि सरकारी विभागों ने जो लक्ष्य रखे थे, क्या वे लक्ष्य हासिल किए जा सके।

कैग ने कहा कि सरकारी लेखापरीक्षा के जो भी मानदंड तय हैं कैग उन्हीं का अनुसार करता है। ये मानदंड कैग ने नहीं बल्कि खुद सरकार ने तय किए हैं।

उन्होंने कहा, यदि सरकार कोई नीति बनाती है तो हम देखते हैं कि क्या उस नीति को अमल में लाया गया। सरकार नियम बनाती है, हम देखते हैं कि नियमों का पालन हुआ है। राय ने कहा कि कैग सरकार को विभागों की आंतंरिक लेखा परीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के बारे में सुझाव देता रहा है।

उन्होंने कहा वित्तीय लेखाजोखा किसी भी निकाय में चलने वाले कामकाज की सही और स्पष्ट तस्वीर दिखाता है। लेकिन भारत में सरकारी लेखा जोखा के लिए अपनाई जाने वाली नकदी के प्रवाह पर आधारित लेखा प्रणाली सही स्थिति दिखाने में असफल रही है। क्योंकि इस प्रणाली में देनदारी और संपत्तियों की सही स्थिति का पता नहीं चलता।

राय ने कहा, हमने समग्र लेनदारी और देनदारियों वाली नई लेखाप्रणाली की दिशा में हल्की प्रगति की है। इस प्रणाली में भविष्य की लेनदारी और देनदारियों को भी शामिल किया जाता है। हम इस प्रणाली को अपनाने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगे। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 9, 2012, 17:01

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