Last Updated: Tuesday, July 3, 2012, 16:08
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय ने 2006 और 2009 के बीच बिना नीलामी के किए गए कोयला आबंटन में कथित अनियमितताओं की जांच में सीबीआई की मदद करने का कोयला मंत्रालय को ‘निर्देश’ दिए हैं। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री खुद चाहते हैं कि हर पहलू की जांच की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जांच में सहयोग का स्थायी निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोयला मंत्रालय ने सीबीआई जांच में एजेंसी की मदद के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की है।
कोयला मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, 100 से अधिक फर्मों को बगैर नीलामी किए कोयला खदानों का आबंटन किया गया था और जांच एजेंसी अभी तक 68 कंपनियों से संबद्ध दस्तावेज एकत्र कर चुकी है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा मामले को सीबीआई के सुपुर्द किए जाने के बाद जांच एजेंसी ने इस मामले में कथित अनियमितताओं की जांच शुरू की है।
जब इन कोयला खदान का आबंटन किया गया था, उस समय, कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के पास था। जायसवाल ने कहा कि मामले में अगर किसी को भी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के मसौदे में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2004 और 2009 के बीच बगैर नीलामी के कोयला खानों के आबंटन के चलते सरकार को अनुमानित 10.6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। रिपोर्ट का यह मसौदा लीक हो गया था।
हालांकि, सरकार ने नुकसान के इस अनुमान को यह कहते हुए खारिज किया है कि ये आबंटन संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से एक पारदर्शी तरीके से किए गए। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 3, 2012, 16:08