`कोर्ट के फैसले से गरीब मरीजों को फायदा होगा`

`कोर्ट के फैसले से गरीब मरीजों को फायदा होगा`

 `कोर्ट के फैसले से गरीब मरीजों को फायदा होगा`नई दिल्ली :घरेलू दवा कंपनियों ने कहा है कि स्विट्जरलैंड नोवार्तिस कंपनी के पेटेंट संबंध दावे पर उच्चतम न्यायालय के के निर्णय से गरीब मरीजों को फायदा होगा। शीर्ष अदालत ने कैंसर की दवा ग्लीवेक पर पेटेंट अधिकार के लिए नोवार्तिस की याचिका को खारिज कर दिया है।

न्यायालय ने घरेलू कंपनियों को इस दवा के जेनेरिक संस्करण के विनिर्माण से रोकने की नोवार्तिस की अपील को भी खारिज कर दिया है।

घरेलू कंपनियों के विपरीत नोवार्तिस ने कहा है कि यह फैसला मरीजों के लिए झटका है, क्योंकि इससे उन बीमारियों की चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति अवरुद्ध होगी जहां इलाज के कारगर विकल्प उपलब्ध नहीं हैं। घरेलू दवा विनिर्माताओं के संगठनों इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस तथा इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ने इसे गरीब मरीजों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला करार दिया है।

आईपीए के महासचिव डी जी शाह ने बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय का यह फैसला इस गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए राहत लेकर आया है। सिप्ला, रैनबैक्सी तथा नाटको जैसी कंपनियां इमाटिनिब का विपणन नोवार्तिस के उत्पाद की तुलना में बेहद कम दाम पर कर सकेंगी। ग्लीवेक आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल है। यह रक्त कैंसर और पेट के कैंसर जैसी कई बीमारियों के इलाज की महत्वपूर्ण दवा है।


शाह ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला है जिससे पेटेंट कानून की धारा 3-डी के दायरे को लेकर जारी विवादों पर विराम लगेगा। इसी तरह की राय जाहिर करते हुए आईडीएमए के महासचिव दारा बी पटेल ने कहा कि यह आदेश गरीब मरीजों के पक्ष में है।

पटेल ने कहा कि यह अच्छा फैसला है। यह देश के गरीब मरीजों के पक्ष में है और यह जेनेरिक दवाओं के पक्ष में है। हालांकि, मुझे नोवार्तिस के लिए दुख है, पर अच्छी बात यह है कि देश के नियमों का पालन हुआ और इससे गरीब मरीजों को मदद मिलेगी।

सिप्ला के चेयरमैन वाई के हामिद ने कहा कि यह फैसला भारत और दुनिया भर के मरीजों की जीत है। हम इस फैसले से खुश हैं। यह गैर गंभीर पेटेंट के जरिये हमारे मरीजों की दवा तक पहुंच को खत्म करने की कोशिश थी। वहीं दूसरी ओर नोवार्तिस इंडिया के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रंजीत शाहानी ने कहा कि यह मरीजों के लिए झटका है।

बताया जाता है कि नोवार्तिस की ग्लीवेक की एक माह की खुराक का दाम जहां 1.2 लाख रुपये बैठता है, भारतीय कंपनियों द्वारा विनिर्मित इसके जेनेरिक संस्करण की कीमत मात्र 8,000 रुपये बैठेगी। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 1, 2013, 15:30

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