Last Updated: Thursday, September 13, 2012, 00:00
नई दिल्ली : वित्त एवं कोयला मंत्रालय ने बुधवार को कोल ब्लॉक आवंटन पर अंतर मंत्रालयी समूह (आईएमजी) को बिना देरी किए अपना काम पूरा करने और जल्द से जल्द अपनी सिफारिशें देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया। वित्त मंत्री पी चिदंबरम और कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल की आज हुई बैठक के बाद यह निर्देश दिया गया। इस बैठक में वित्त और कोयला मंत्रालय के सचिव भी मौजूद थे।
बुधवार देर रात वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में मीडिया की उन खबरों का भी खंडन किया गया है जिनमें वित्त मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव की ओर से कोयला मंत्रालय को लिखे एक पत्र के आधार पर दोनों मंत्रालयों के बीच गतिरोध की बात कही गई है। इस पत्र में आईएमजी के अध्यक्ष से कहा गया है कि सभी मामले से संबंधित कागजात एवं सबूतों को आईएमजी के सभी सदस्यों को उपलब्ध कराया जाए। पत्र में कहा गया है कि इनके बिना आईएमजी कोई रुख नहीं अपना पाएगी या कोई सिफारिश नहीं दे पाएगी।
पत्र में कहा गया है कि वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि आईएमएफ की सभी बैठकों में शामिल हुए और दोनों मंत्रालयों के बीच राय पर कोई असहमति नहीं है। गौरतलब है कि अतिरिक्त कोयला सचिव जोहरा चटर्जी की अध्यक्षता वाले आईएमजी को वर्ष 2005 से 2009 के बीच आवंटित 58 कोयला ब्लाकों के विकास में हुई प्रगति की समीक्षा का कार्य सौंपा गया है। इसे 15 सितंबर तक अपनी सिफारिशें देने को कहा गया है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 13, 2012, 00:00