Last Updated: Sunday, September 8, 2013, 18:07

नई दिल्ली : उद्योगपति विजय माल्या जिनका समूह वित्तीय संकट से जूझ रहा है, ने भारत की वृद्धि में नरमी के लिए नीतिगत लाचारी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आर्थिक नरमी से उद्योग का भी हौसला पस्त हो गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय उपभोक्ता का रुझान प्रभावित हुआ है जबकि रुपये में गिरावट और बढ़ती मुद्रास्फीति से पहले से नरमी के दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। माल्या ने शराब कारोबार में लागत बढ़ोतरी के लिए ’राजस्व की भूखी’ राज्य सरकारों और चीनी लॉबी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बहुत कम भी आंका जाए तब भी कुल मिलाकर हमारे देश का आर्थिक माहौल चुनौतीपूर्ण है।
माल्या ने 24 सितंबर को सालाना आम बैठक से पहले यूनाइटेड स्पिरिट्स के शेयरधारकों को लिखे सालाना पत्र में कहा ‘देश में कार्यकुशल, अंग्रेजी जानने वाले नौजवानों की संख्या बहुत अधिक है इसलिए भारत की स्थिति चीन के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी होनी चाहिए थी।’ उन्होंने कहा ‘बजाय इसके बुनियादी ढांचे में अपर्याप्त निवेश, नीतिगत लाचारी और ढीले राजकोषीय प्रशासन के कारण अर्थव्यवस्था की हालत खराब है, ब्याज दरें ऊंची हैं और मुद्रास्फीति बढ़ रही है।’
उन्होंने कहा, ‘चालू खाते का घाटा बढ़ गया है और औद्योगिक उत्पादन स्थिति जस की तस है एवं हर साल बाजार में काम के लिए रोजगार बाजार में आने वाले 1.2 करोड़ नौजवान भारतीयों को सरकार पर्याप्त रोजगार मुहैया कराने में असमर्थ है।’
आम तौर पर अपनी शानो शौकत वाली जीवन-शैली और ‘अच्छे वक्त के बादशाह’ के तौर पर जाने जाने वाले माल्या को पिछले कई महीने से विभिन्न कारोबार में संकट का सामना करना पड़ रहा है।
यूबी समह का विमानन उद्यम किंगफिशर एयरलाइन्स का परिचालन पिछले काफी समय से बंद है। कंपनी पर 7,000 करोड़ रुपए का ऋण है और उसे 16,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 8, 2013, 18:07