‘खाद्य मुद्रास्फीति से भारत की साख प्रभावित हो सकती है’|Moody`s

‘खाद्य मुद्रास्फीति से भारत की साख प्रभावित हो सकती है’

‘खाद्य मुद्रास्फीति से भारत की साख प्रभावित हो सकती है’नई दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को कहा कि भारत की उच्च खाद्य मुद्रास्फीति से देश की साख प्रभावित हो सकती है क्योंकि इससे सरकार की वित्तीय स्थिति प्रभावित होती है और मौद्रिक मामलों से निपटने में भारतीय रिजर्व बैंक की क्षमता पर भी घटती है।

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने साख परिदृश्य के बारे में अपनी एक ताजा रपट में कहा है कि,‘खाद्य मुद्रास्फीति का लगतार उच्च स्तर पर बने रहना साख के लिए खतरा है क्योंकि इससे भारत आर्थिक नरमी, राजकोषीय व चालू खाते के घाटे की चुनौतियों में इजाफा होता है।’

फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 6.8 प्रतिशत थी।

माह के दौरान थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 11.4 फीसद थी पर विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति घटकर 3.8 फीसद पर आ गयी।

मूडीज ने कहा कि भारत की खाद्य मुद्रास्फीति की मौजूदा दर वैश्विक औसत से अधिक है।

इसमें कहा गया, ‘कुल मिलाकर हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति वांछनीय नहीं है लेकिन भारत के आर्थिक और नीतिगत ढांचे के कारण इससे साख पर असर हो सकता है।’ (एजेंसी)

First Published: Monday, March 18, 2013, 18:03

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